एक नई स्टडी के नतीजे बताते हैं कि गांजा पीने वाले लोगों में नशा न करने वालों के मुकाबले ज्यादा सहानुभूति होती है. स्टडी के मुताबिक जो लोग अक्सर गांजा पीते हैं, वे दूसरों की भावनाएं बेहतर तरीके से समझते हैं और खुद को उनकी परिस्थितियों में रखकर हालात समझने में बेहतर होते हैं.
मेक्सिको की ऊनिवर्सिदाद नेशिनल ऑटोनोमा के शोधकर्ताओं ने 132 लोगों को इस रिसर्च में शामिल किया. इनमें 81 गांजा पीने वाले लोग थे और 51 ऐसे थे, जो कोई साइकोएक्टिव नशा नहीं करते थे. इन लोगों से सहानुभूति का आकलन करने वाले 33 सवालों का एक क्वेश्चनायर भरवाया गया. इन सवालों का मकसद लोगों का नजरिया समझना, दूसरों के हालात समझने की उनकी क्षमता और भावनात्मक समझ का अंदाजा लगाना था.
एक नई स्टडी के नतीजे बताते हैं कि गांजा पीने वाले लोगों में नशा न करने वालों के मुकाबले ज्यादा सहानुभूति होती है. स्टडी के मुताबिक जो लोग अक्सर गांजा पीते हैं, वे दूसरों की भावनाएं बेहतर तरीके से समझते हैं और खुद को उनकी परिस्थितियों में रखकर हालात समझने में बेहतर होते हैं.… pic.twitter.com/EI4z8bDxOD
— DW Hindi (@dw_hindi) November 9, 2023
यानी शोधकर्ता यह जानने की कोशिश कर रहे थे कि ये लोग दूसरों की भावनाओं को कितनी गहराई से पकड़ सकते हैं. शोधकर्ताओं ने यह विश्लेषण भी किया कि क्या ये लोग सकारात्मक और नकारात्मक भावनाओं को समझ सकते हैं और उसके मुताबिक व्यवहार कर सकते हैं या नहीं. इन प्रतिभागियों के दिमाग का स्कैन भी किया गया.
जर्नल ऑफ न्यूरोसाइंसेस रीसर्च में छपे स्टडी के नतीजे दिखाते हैं कि गांजा पीने लोगों में सहानुभूति का स्तर ज्यादा था. वे भावनाओं से जुड़ी चीजों से बेहतर तरीके से जुड़ते हैं. हालांकि, तमाम शोध यह भी बताते हैं कि गांजा पीने से हार्ट अटैक और स्कित्जोफ्रीनिया का खतरा होता है. साथ ही, सेहत पर इसके और भी गंभीर असर होते हैं.