आईएसडी नेटवर्क। अभिनेत्री स्वरा भास्कर सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के बड़ी मुसीबत में आ गई है। अटार्नी जनरल ऑफ़ इंडिया के समक्ष एक याचिका दाखिल की गई है। याचिका में कंटेप्ट ऑफ कोर्ट की धारा-15 के तहत स्वरा पर सुप्रीम कोर्ट की प्रतिष्ठा धूमिल करने का आरोप लगाया गया है। याचिकाकर्ता ने कंटेप्ट ऑफ कोर्ट की धारा-15 (1971) के तहत स्वरा भास्कर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के लिए अपराध मानकर कार्यवाही शुरू करने की मांग की है।
कई अदालती नोटिस पा चुकी स्वरा भास्कर के लिए इस बार मुश्किल इसलिए है कि जिन वकील महक माहेश्वरी के कारण प्रशांत भूषण जेल की दहलीज पर पहुँच गए हैं, उन्होंने ही एक गंभीर प्रकरण में स्वरा को लपेट दिया है। निश्चित ही आने वाले दिन स्वरा के लिए मुसीबतों से भरे रहने वाले हैं।
याचिकाकर्ता के मुताबिक स्वरा भास्कर ने इस वर्ष फरवरी में मुंबई में आयोजित ‘ आर्टिस्ट्स अगेंस्ट कम्युनलिज्म‘ में ये कहकर न्यायालय को अपमानित किया है कि ‘न्यायालय इस बात पर आश्वस्त ही नहीं हैं कि वे संविधान में विश्वास रखते हैं।
याचिका के मुताबिक स्वरा ने इस कार्यक्रम में कहा ‘ हम एक ऐसे देश में रह रहे हैं, जहाँ एक ओर न्यायालय निर्णय देते हैं कि बाबरी मस्जिद का गिराया जाना कानून के विरुद्ध था और वहीं न्यायालय बाबरी गिराने वालों के पक्ष में निर्णय सुनाते हैं।’ महक माहेश्वरी ने याचिका में दलील दी है कि ये एक ‘आपत्तिजनक बयान’ है।
याचिका में ये आरोप लगाया गया है कि स्वरा भास्कर का बयान न केवल प्रचार पाने का सस्ता हथकंडा था, बल्कि लोगों को सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ भड़काने का वैचारिक प्रयास भी था। इस प्रकरण में एडव्होकेट अनुज सक्सेना, प्रकाश शर्मा और महक माहेश्वरी की ओर से ये याचिका प्रस्तुत की गई है।
क्या है कंटेप्ट ऑफ कोर्ट की धारा-15
जब कोई व्यक्ति न्यायालय या न्यायालय के अधिकार क्षेत्र को चुनौती देता है या उसकी प्रतिष्ठा धूमिल करने का प्रयास करता है। या उसके मान-सम्मान को नीचा दिखाने का प्रयास करता है या न्यायालयीन प्रक्रिया में अवरोध डालता है तो ये क्रिमिनल कंटेम्प्ट ऑफ़ कोर्ट माना जाता है। ऐसे मामलों में कोर्ट स्वयं भी संज्ञान ले सकता है।
स्वरा भास्कर एक बदनाम और गिरी हुई गलीच औरत है।ये और इसका परिवार या इसके जैसे दोगले लाखों हिन्दू परिवार केवल हिंदुओं के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देकर हिंदुओं को धार्मिक रूप से बेहद नृशंस और कट्टर छवि का दिखाना चाहते हैं।जिससे कि दुनिया भर के देशों को ये लगे कि हिन्दू अपने धर्म के प्रति बेहद कट्टर और हिंसक होते हैं।ये गिरी हुई औरत मुस्लिमों को एकतरफा बेचारा और शोषित बताना चाहती है।जबकि सारा विश्व ही इस्लामिक आतंकवाद से कराह रहा है।इस्लाम की जहिलता,कट्टरता और अमानवीयता पर ये और इस जैसे नीच अधम हिन्दू पर्दा डालने का काम केवल चंद टुकड़ों के लिए करते हैं।