अर्चना कुमारी। जंतर-मंतर पर हुई नारेबाजी मामले में वांछित चल रहे पिंकी चौधरी ने मंगलवार दोपहर अपने समर्थकों के साथ समर्पण कर दिया । इसके बाद कनॉट प्लेस थाना पुलिस ने पिंकी चौधरी को हिरासत में लिया । पुलिस अब उसे कोर्ट में पेश कर रिमांड लेगी ताकि नारेबाजी मामले को लेकर उससे पूछताछ किया जा सके। गौरतलब है कि इस मामले में पिंकी चौधरी ने कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था।
मंगलवार दोपहर पिंकी चौधरी अपने समर्थकों के साथ मंदिर मार्ग थाने पहुंचा। उसके समर्थन में नारेबाजी करते हुए लोग इक्ट्ठा हुए, जहां पर पुलिस ने पिंकी चौधरी को हिरासत में ले लिया । यह स्थिति तब है जब देश में हिंदू हितों की बात का दावा करने वाली की सरकार है । नागरिक संशोधन विधेयक के खिलाफ शाहीन बाग में 100 दिन से अधिक दिन सड़क घेरकर महिला और पुरुष बैठे रहे लेकिन दिल्ली पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की ।
यहां पर हिंदुओं के खिलाफ अनाप-शनाप रोज होता रहा । इतना ही नहीं कथित किसान आंदोलन के नाम पर पिछले सात -आठ महीने से दिल्ली उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बॉर्डर को जाम करके रखा गया है लेकिन सरकार और स्थानीय प्रशासन मूकदर्शक बनी हुई है। जबकि अंग्रेजों के काले कानून के खिलाफ जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया गया तब इसके आयोजकों पर ही करवाई कर दी गई ।
कहा गया कि जंतर-मंतर में विवादित नारेबाजी की गई और हिंदू रक्षा दल के पिंकी चौधरी ने मंगलवार को आत्मसर्म्पण करने की घोषणा पहले ही कर दी थी । उसने सोमवार को वीडियो जारी करके कहा कि वह न्यायालय का सम्मान करता है। इसलिये सरेंडर करेगा। हिंदू रक्षा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष पिंकी चौधरी ने वीडियो में बताया कि वह अपनी गिरफ्तारी देगा।
उसने कहा कि वह जांच में पुलिस का पूरा सहयोग करेगा। उसने कहा कि “मैं कभी भागा नहीं था, मैं न्यायालय की शरण था।” पिंकी चौधरी ने अपने ऊपर लगे हुए आरोपों से इनकार किया। उसने सभी से अपील की है कि सभी लोग उसका सहयोग करें। पूर्व में भी पिंकी चौधरी ने एक वीडियो जारी करके दिल्ली के जंतर मंतर पर हुई नारेबाजी की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन यह भी कहा था कि उसने कोई गलत नारेबाजी नहीं की थी।
ज्ञात हो कि जंतर-मंतर पर 8अगस्त को एक प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर भड़काऊ नारे लगाए गए थे, जिसका वीडियो वायरल हुआ था। इसके बाद पुलिस ने नौ अगस्त को मामला दर्ज जांच आरंभ की। 10 अगस्त को पुलिस ने कार्रवाई करते हुए वकील अश्विनी उपाध्याय समेत अन्य लोगों को गिरफ्तार किया और इनमें से कुछ को तो जमानत मिल गई लेकिन अधिकांश जेल में बंद है ।