अर्चना कुमारी। गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत दायर मामले में गिरफ्तार ऑनलाइन समाचार पोर्टल ‘न्यूजक्लिक’ के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को सात दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया गया । न्यूजक्लिक’ पर चीन के समर्थन में प्रचार करने के लिए धन लेने का आरोप है। मंगलवार को ‘न्यूजक्लिक’ और उसके पत्रकारों से जुड़े 30 से अधिक ठिकानों पर छापे मारे थे, मामले के संबंध में कई पत्रकारों से पूछताछ की थी तथा पुरकायस्थ एवं चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया था।
पुरकायस्थ और चक्रवर्ती को एक अदालत के समक्ष पेश किया गया, जिसने उन्हें सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। पुलिस ने मंगलवार को दिल्ली में ‘न्यूजक्लिक’ के कार्यालय को सील कर दिया। इस दौरान 46 ‘संदिग्धों से पूछताछ की गई और लैपटॉप एवं मोबाइल फोन सहित डिजिटल उपकरणों तथा दस्तावेजों को जांच के लिए जब्त किया गया। छापेमारी की कार्रवाई मंगलवार सुबह शुरू हुई थी और यह दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में केंद्रित थी।
जिन लोगों से पूछताछ की गई, उनमें पत्रकार उर्मिलेश, अनिधो चक्रवर्ती, अभिसार शर्मा, परंजय गुहा ठाकुरता के साथ-साथ इतिहासकार सोहेल हाशमी, व्यंग्यकार संजय राजौरा और सेंटर फॉर टेक्नोलॉजी एंड डेवलपमेंट के डी रघुनंदन शामिल थे। छह घंटे से अधिक समय तक पूछताछ के बाद उन्हें जाने दिया गया। इस बीच ‘न्यूजक्लिक’ ने अपने परिसरों पर दिल्ली पुलिस की छापेमारी के एक दिन बाद बुधवार को एक बयान जारी कर दावा किया कि उसे प्राथमिकी की प्रति नहीं दी गई और उससे जुड़े लोगों पर जिन अपराधों का आरोप लगाया गया है, उसके बारे में भी जानकारी नहीं दी गई है।
बयान में कहा, कल, दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ द्वारा ‘न्यूजक्लिक’ के कार्यालयों, पत्रकारों और कर्मचारियों के आवासों सहित विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की गई। हमें प्राथमिकी की प्रति प्रदान नहीं की गई है या उन अपराधों के सटीक विवरण के बारे में सूचित नहीं किया गया है, जिनका आरोप लगाया गया है।ऑनलाइन समाचार पोर्टल ने दावा किया कि पुलिस ने उसके परिसरों और कर्मचारियों के घरों से इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बिना किसी उचित प्रक्रिया जैसे कि जब्ती मेमो, जब्त किए गए डेटा की मात्रा की जानकारी दिए बिना जब्त कर लिया। कार्यालय को भी सील कर दिया गया है।
कहा गया, हम सरकार की उन कार्रवाइयों की कड़ी निंदा करते हैं जो पत्रकारिता की स्वतंत्रता का सम्मान करने से इनकार करती हैं और आलोचना को देशद्रोह या राष्ट्र-विरोधी दुष्प्रचार मानती है।’पोर्टल ने दावा किया कि उसे 2021 से विभिन्न केंद्रीय सरकारी एजेंसियों द्वारा निशाना बनाया गया है और उसके कार्यालयों और कर्मचारियों के घरों पर प्रवर्तन निदेशालय, दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा और आयकर विभाग द्वारा छापे मारे गए हैं।
यह भी दावा किया कि विभिन्न सरकारी एजेंसियों ने इसके पिछले कई वर्षों के बैंक विवरण, बिल, खर्च और धन के स्रेतों की जांच की है। फिर भी, पिछले दो वर्षों में, ईडी ‘न्यूजक्लिक’ पर धन शोधन का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज नहीं कर पाई है। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ‘उनके’ खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत अपराधों के लिए आरोप पत्र दाखिल नहीं कर पाई है।
आरोप लगाया, दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने एक भी लेख या वीडियो का उल्लेख नहीं किया है जिसे वे चीनी दुष्प्रचार मानते हैं। वास्तव में, दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने पूछताछ दिल्ली दंगों, किसानों के विरोध प्रदर्शन आदि पर रिपोर्ट के संबंध में केंद्रित रखी। मौजूदा कार्यवाही दुर्भावनापूर्ण इरादे को प्रदर्शित करती है।