सुप्रीम कोर्ट में लोकपाल पर सवाल उठाने वाले वकील प्रशांत भूषण को झिड़की सुननी पड़ी। इस बार सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने प्रशांत भूषण को नकारात्मक सोच वाला व्यक्ति बताया है। मालूम हो कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के ही पूर्व मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने जस्टिस लोया मामले में इसे कोर्ट फिक्सर कहा था। बार-बार इस प्रकार के लांक्षण लगने के बाद भी इस ‘खरदूषण’ को शर्म नहीं आती है। असल में जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है तब से वह न्यायपालिका के माध्यम से उसे अस्थिर करने में जुटा है।
2014 में मोदी सरकार आने के बाद से ही उसे गिराने के लिए प्रशांत भूषण के षड्यंत्र……आइए आज जानते हैं वह पहला मामला, जिसके जरिए प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पद से हटाने की रची थी साजिश….फर्जी सहारा-बिडला डायरी के जरिए मोदी सरकार को बदनाम करने का प्रयास….