पारंपरिक नौकरशाहों को आईना दिखाने के लिए एनडीए सरकार ने एक गैरपारंपरिक कदम उठाया है। सरकारी अधिकारियों की लेट लतीफी तथा फाइल अटकाने की पुरानी आदत से तंग आकर ही एनडीए सरकार ने परंपरा से हटकर एक ऐसा कदम उठाया है जो सरकारी अधिकारियों को आईना दिखाने का काम करेगा। एनडीए सरकार ने संयुक्त सचिव के पद पर निजी क्षेत्र के पेशवरों की सीधी नियुक्ति की योजना बनाई है। इस योजना से जहां बड़े सरकारी अधिकारियों को दक्षता के साथ काम करने के हुनर सीखने का मौका मिलेगा वहीं काम कैसे होता है इसके बारे में भी पता चलता है? इससे दफ्तर में प्रतिस्पर्धा का माहौल निर्मित होगा और बेहतर काम होगा। इस प्रकार का नया प्रयोग मोदी सरकार ही कर सकती है। 2019 में मोदी सरकार के दोबारा आने पर यूपीएससी का ढांचा भी ध्वस्त होगा, जिसके लिए सरकार ने बीज बो दिया है।
मुख्य बिंदु
* एनडीए सरकार ने संयुक्त सचिव पद पर निजी पेशेवरों की सीधी नियुक्ति की बनाई योजना
* सरकारी अधिकारियों को मिलेगा दक्षता के साथ काम करने के कौशल सीखने का अवसर
* 2019 में मोदी सरकार के दोबारा आने पर यूपीएसी का ढांचा भी होगा ध्वस्त, इसका बीज बो दिया गया है
एनडीए सरकार ने 10 पदों के लिए सीधी भर्ती की प्रक्रिया के तहत निजी क्षेत्र के पेशेवरों को आमंत्रित किया है। संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों को नियुक्ति में तरजीह दी जाएगी। मोदी सरकार ने अफसरशाही को चुस्तदुरूस्त करने के लिए ही यह कदमद उठाया है। इसके लिए केंद्र ने विभिन्न मंत्रालयों में 10 संयुक्त सचिव स्तर के पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किया है। इस प्रकार के पार्श्व नियुक्ति की प्रक्रिया के तहत निजी क्षेत्रों के 40 साल से ऊपर के उम्र के उन पेशेवरों से, जिन्हें कृषि, नागरिक उड्डयन आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में 15 सालों का कार्यानुभव हो, आवेदन मंगाए हैं। सरकार ने नीति आयोग की अनुशंसा पर ही यह कदम उठाने का फैसला किया है। इसलिए इस बार सरकार ने यूपीएससी के माध्यम से इन पदों पर होने वाली नियुक्ति को नजरंदाज किया है।
मोदी सरकार के इस फैसले को लेकर इंडिया स्पीक्स डेली के प्रधान संपादक संदीप देव ने भी अपना विचार रखा है। उन्होंने कहा कि भ्रष्ट और कांग्रेसी नौकरशाहों से त्रस्त होकर ही मोदी सरकार ने नौकरशाही में बड़े सुधार के तहत यह फैसला लिया है। इससे राष्ट्रभक्त सेवकों की बहाली का रास्ता साफ होगा। उन्होंने कहा कि गांधी परिवार, चिदंबरम, अहमद पटेल आदि को जांच रिपोर्ट लीक कर, कार्रवाई में जानबूझ कर डिले कर बचाने के खेल खलने वाले नौकरशाहों की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। उनका तो यहां तक कहना है कि अगर 2019 में मोदी सरकार सत्ता में लौटती है तो फिर अंग्रेजों का बनयाा यूपीएससी का ढांचा भी ध्वस्त किया जाएगा, जिसका बीज मोदी सरकार ने अपने इसी कार्यकाल में बो दिया है। उन्होंने कहा कि वह कभी भी नौकरशाही के इस ढ़ांचे के पक्षधर नहीं रहे हैं। क्योंकि भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने और जनता को अपने पैरों में रखने का दंभ यहीं से पैदा होता है। सत्ता तो पांच साल में बदल भी जाती है लेकिन नौकरशाह दीमक की तरह देश को सालों से चाट रहे हैं। संदीप जी का कहना है कि मोदी सरकार के इस फैसले से उन्हें काफी सुकून मिला है। सरकार के इस कदम के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई का पात्र बताया है।
हालांकि यह तय है कि विपक्ष खासकर कांग्रेस एनडीए सरकार की इस पहल की आलोचना कर सकती है। हो सकता है कि सरकार के इस गैर पारंपरिक पहल को आने वाले समय में मुद्दा बना सकती है। वह सरकार पर इस कदम के माध्यम से अपने लोगों को इतने बड़े पदों पर लाने का आरोप लगा सकती है। हालांकि सरकार ने संयुक्त सचिव पदों के लिए जो आवेदन मंगाए हैं इसमें सरकार अधिकारियों को वंचित नहीं किया है। इन पदों के लिए सरकार के काबिल अधिकारी भी आवेदन कर सकते हैं।
मालूम हो कि संयुक्त सचिव का पद टॉप ब्यूरोक्रेटिक पदों सचिव और अतिरिक्त सचिव से महज दो पद नीचे होता है। सरकार ने इन पदों के लिए सरकार में समतुल्य पद पर कार्यरत अधिकारियों तथा इस पद के लिए उपयुक्त कार्यरत अधिकारियों से भी आवेदन आमंत्रित किए है। निजी क्षेत्रों, पीएसयू तथा मान्यता प्रात शोध संस्थान में कार्यतर वे अधिकारी जिनके पास 15 साल के कार्य का अनुभव हो वे भी इस पद के लिए आवेदन कर सकते हैं।
मोदी सरकार की इस पहल की आरटीआई एक्टिविस्ट तथा पूर्व सीआईसी शैलेश गांधी ने सराहना की है। उन्होंने नियुक्ति की इस प्रक्रिया को बेहतर बताया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि यह एक ऐसी बेहतर प्रक्रिया है जिसमें यूपीएससी की कभी विशेषज्ञता नहीं रही है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर उचित मानदंडों को निर्धारित करते हुए पारदर्शी तरीके से चयन होता है तथा यह सुनिश्चित होता है कि जिनका चयन हुआ है वह वाकई में अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं तो फिर यह एक शानदार आइडिया है, जो निश्चित रूप से देश निर्माण के लिए एक बेहतर कदम साबित होगा।
URL: Private sector employees can now apply for top posts in Modi government
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