अर्चना कुमारी। मेवात के दंगे पर भाजपा नेताओं की बोलती बंद है लेकिन हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा- जिन लोगों ने नुकसान किया है, उन्हीं से भरपाई कराई जाएगी। हर व्यक्ति की सुरक्षा न पुलिस, न आर्मी और न समाज कर सकता है। उनके इस बयान का पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्वागत किया है जबकि मनोहर लाल खट्टर का कहना है सुरक्षा के लिए वातावरण बनाना पड़ता है। इसके लिए पीस कमेटी, एडमिनिस्ट्रेशन के लोग लगे हैं।
पुलिस ने फ्लैग मार्च भी किया है। दंगाइयों में भय बनाना पड़ता है। लेकिन उन्होंने प्रशासन की नाकामी के बारे में अब तक कुछ नहीं बोला है। हरियाणा दंगों के लेकर दिल्ली से लगते हुए हरियाणा के कुछ जिलों में हुई हिंसा को ध्यान में रखते हुए दिल्ली के सभी संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए है और जहां आवशक है वहां अतिरिक्त पुलिस बल भी लगाए गए है। उत्तर प्रदेश में भी अलर्ट कर दिया गया है जबकि हरियाणा के मुख्यमंत्री का कहना है कि नूंह घटना में अभी तक की जानकारी में 6 लोगों की मृत्यु हुई ,जिसमें से 2 होमगार्ड और 4 आम नागरिक हैं।
राज्य पुलिस की 30 कंपनी और केंद्रीय सुरक्षा बल की 20 कंपनी तैनात हैं। केंद्रीय सुरक्षा बल की 20 कंपनी में से हमने 3 पलवल, 2 गुरुग्राम, 1 फरिदाबाद और 14 कंपनी नूंह में तैनात की हैं। अभी तक 116 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनकी आज रिमांड ली जाएगी। मेरी जनता से अपील है कि वे शांति बनाए रखें और किसी भी तरह की घटना को आगे न बढ़ने दें।
लगातार प्राथमिकी दर्ज किए जा रहे हैं और प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज का कहना है कि इस घटना को लेकर गौ रक्षक मोनू मानेसर का कोई रोल अब तक सामने नहीं आया है। जैसा कहा जा रहा था कि मोनू के उकसावे पर शोभा यात्रा पर मुस्लिम लोगों ने हमला किया गया । पुलिस सूत्रों का दावा है हरियाणा में हिंसा सुनियोजित तरीके से की गई थी और उसका उल्लेख हिंसा के संबंध में हरियाणा पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी (एफआईआर) मैं भी की गई है। यह इशारा करती है कि पुलिस पर हमला करने के लिए एक ‘सुनियोजित साजिश’ की गई थी। इतना ही नहीं, ‘पुलिसकर्मियों को जिंदा जलाने’ की धमकियों की बात भी सामने आई है।.
इस बीच बताया जाता है कि हरियाणा के नूंह, गुरुग्राम, फ़रीदाबाद, पलवल और झज्जर जिलों में अभी भी धारा 144 लागू है हरियाणा के पलवल, सोहाना, मानेसर और पटौदी में इंटरनेट बंद है। विश्व हिंदू परिषद ने हिंसा के विरोध में देशव्यापी प्रदर्शन भी बुलाया लेकिन दोनों समुदाय में तनाव अभी कम नहीं हुआ है।