अर्चना कुमारी। नाबालिग के साथ दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग में अधिकारी प्रेमोदय खाका (51) पूछताछ में खुद को बेकसूर बताया ,आरोपी ने दावा किया की उसने वर्ष 2005 में अपनी नसबंदी करा ली थी। ऐसे में यदि आरोपी ने नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया तो वह गर्भवती कैसे हो गई।
इसको लेकर अब सवाल किए जा रहे । पुलिस ने मंगलवार को कोर्ट में पेश करने से पूर्व प्रेमोदय खाका का पोंटेंसी टेस्ट भी करवा लिया।पुलिस का कहना है कि पीड़िता का 164 का बयान दोबारा कराया जा सकता है। इस बीच पीड़िता की तबीयत में तेजी से सुधार हो रहा है। उसकी तबीयत बेहतर होने के बाद उसका बयान दोबारा से कराने का प्रयास किया जाएगा। मामले की जांच कर रही एक टीम मंगलवार को बुराड़ी स्थित चर्च और आरोपी के घर पहुंची।
वहां पुलिस ने कई लोगों से पूछताछ करने के अलावा छानबीन की। चर्च में कई लोगों के बयान भी दर्ज किए गए । पुलिस ने आरोपी और उसकी पत्नी सीमा का मोबाइल भी अपने कब्जे में ले लिया है। जरूरत पड़ने पर दोनों के मोबाइल को जांच के लिए एफएसएल भी भेजा जाएगा। इस बीच खुलासा हुआ नाबालिग लड़की से बार-बार दुष्कर्म करने और उसे गर्भवती करने का आरोपी दिल्ली सरकार का अधिकारी अपनी पत्नी के साथ भागने की कोशिश करते हुए सीसीटीवी कैमरे की तस्वीरों में नजर आया था।
इसके कुछ ही देर बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया था। आरोपी दंपति प्रेमोदय खाखा और उनकी पत्नी सीमा रानी एक वकील से मिलने जा रहे थे और अदालत से अग्रिम जमानत लेने की योजना बना रहे थे, इससे पहले ही उन्हें सोमवार को उनके घर के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। इस संबंध में 13 अगस्त को दर्ज मामले में गिरफ्तार होने से कुछ समय पहले खाखा को मुख्यमंत्री केजरीवाल के निर्देश के बाद महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) विभाग में उप निदेशक के पद से निलंबित कर दिया गया था।
पुलिस ने कहा कि दोनों बुराड़ी इलाके के शक्ति एन्क्लेव के निवासी हैं। पुलिस ने बताया कि पीड़िता एक अक्टूबर, 2020 को आरोपी के पिता के निधन के बाद से आरोपी के घर पर रह रही थी। आरोपी एक पारिवारिक मित्र था, जिसे वह ‘मामा’ कहती थी। आरोपी ने नवंबर 2020 और जनवरी 2021 के बीच कथित तौर पर लड़की से कई बार बलात्कार किया था।
उन्होंने कहा कि उसकी पत्नी पर लड़की को गर्भावस्था को समाप्त करने के लिए दवा देने का भी आरोप लगाया गया है। इस बीच, दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की प्रमुख स्वाति मालीवाल ने मंगलवार को यहां सेंट स्टीफंस अस्पताल में अपना धरना समाप्त कर दिया, जहां वह नाबालिग लड़की से मिलने गई थीं। मालीवाल यह दावा करते हुए सोमवार सुबह धरने पर बैठ गई थीं कि उन्हें लड़की से मिलने से रोका गया।
वह मंगलवार दोपहर अस्पताल से चली गईं और पीड़िता से नहीं मिल सकीं। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि लड़की की मां किसी से मिलना नहीं चाहती, क्योंकि पीड़िता अब भी अस्पताल में निगरानी में है। पुलिस ने कहा कि सीमा रानी को सोमवार को अदालत में पेश किया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया, जबकि खाखा को मंगलवार को अदालत ने एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया