अर्चना कुमारी। हरियाणा में हुए हिंसा में सोशल मीडिया ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसका खुलासा हरियाणा पुलिस ने किया है। फेसबुक, इंस्टाग्राम ,टि्वटर इत्यादि अन्य कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हिंसा को भड़काने में इस्तेमाल किए गए और चिन्हित किए गए आरोपियों की तलाश कर उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है। खुलासा किया गया है, दंगे की साजिश पहले ही रच ली गई थी और इसकी तैयारी 21-22 जुलाई से ही चल रही थी।
वसीम मेवाती, एहसान मेवाती तथा मोहम्मद शाहिद जैसे कई सोशल मीडिया एकाउंट थे ,जो लगातार मुसलमानों को उकसा रहे थे। इस बीच नूंह दंगे पर मोहम्मद रफ़ीक नामक एक मुस्लिम ने खुलासा किया है कि 7-8 लड़के मेरे गांव से थे, जिन्होंने दंगे किए। सभी 18-25 उम्र के थे , मैं इन्हें नहीं बचाऊंगा , समय आने पर पुलिस के हवाले करूँगा।मोहम्मद रफ़ीक नूंह सरपंच एसोसिएशन के अध्यक्ष है। पुलिस सूत्रों की माने तो नूंह में सोमवार को शोभायात्रा के दौरान पथराव हुआ था।
इसके बाद यह दो समुदायों के बीच हिंसा में बदल गई । बताया जाता है कि देखते ही देखते नूंह से शुरू हुई हिंसा, सोहना, गुरुग्राम, फरीदाबाद और पलवल तक पहुंच गई और अब सोशल मीडिया के जरिए हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ पुलिस ने एक्शन शुरू कर दिया है। अब तक 5 जिलों में 93 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं जबकि करीब176 लोगों की गिरफ्तारी हुई । सूत्रों का कहना है कि नूंह में 46 मामला दर्ज हैं और बिट्टू बजरंगी पर वायरल वीडियो के मामले में पुलिस ने प्राथमिक की दर्ज किया है।
हरियाणा पुलिस का कहना है कि पुलिस ने सोशल मीडिया पर प्रसारित किए गए 2300 वीडियो की पहचान की है। पुलिस का मानना है कि इन्हीं वीडियो ने हिंसा को उकसाने में अहम भूमिका निभाई। सूत्रों का दावा है कि नूंह पुलिस ने तनाव फैलाने वाले सोशल मीडिया अकाउंट्स पर भी एक्शन शुरू कर दिया है।
पुलिस ने करीब 7 प्राथमिकी दर्ज करते हुए कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया है। पुलिस का कहना है कि इनमें से तीन शाहिद, आदिल खान मन्नाका और शायर गुरु घंटाल नाम के यूजर्स पर मामला दर्ज किया गया। शाहिद नाम के यूजर ने 5 पोस्ट की थीं, जबकि एक आदिल और दो शायर गुरु घंटाल ने की थी। सोशल मीडिया पर पोस्ट को लेकर पुलिस ने धारा-153, 153ए, 295ए, 298, 504, 109 और 292 के तहत एफआईआर की है।