अर्चना कुमारी रोहित वेमुला को लेकर पूरे देश में हंगामा और बवाल हुआ था। उसका शुक्रवार को केस बंद हो गया।
उसके आत्महत्या को लेकर तेलंगाना पुलिस ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट में कहा कि रोहित वेमुला दलित नहीं था। जबकि वह अपनी पहचान छिपाने की कोशिश कर रहा था, कहीं उसकी पहचान उजागर न हो जाए, इसलिए उसने आत्महत्या कर ली थी। हाईकोर्ट ने पुलिस की इस रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया।
तेलंगाना पुलिस ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट फाइल कर बताया है कि रोहित दलित नहीं था। वह पिछड़ा वर्ग का छात्र था। जबकि इसके ठीक विपरीत अब तक यह माना जा रहा था कि रोहित दलित था।
ज्ञात हो रोहित ने जनवरी 2016 में आत्महत्या कर ली थी और वह हैदराबाद विश्वविद्यालय का छात्र था। रिपोर्ट में कहा गया है कि रोहित की ओर से फर्जी जाति प्रमाण पत्र जारी करवाया गया था।
पुलिस के अनुसार रोहित की मां ने ही यह जाली प्रमाण पत्र बनवाया था। यह भी कहा गया है कि इस बात की जानकारी रोहित को थी, और वह नहीं चाहता था कि इसकी जानकारी किसी अन्य को मिले।
उसे यह भय सता रहा था कि एक बार कहीं इसके बारे में किसी को पता चल गया, तो उसकी डिग्री बेकार हो जाएगी। इसलिए रोहित की मौत का जिम्मेदार कोई दूसरा व्यक्ति नहीं था।
पुलिस ने यह भी कहा है कि रोहित पढ़ाई लिखाई से अधिक कॉलेज की राजनीति में ज्यादा रुचि रखता था। उसकी जाति को लेकर पुलिस डीएनए जांच करना चाहती थी, लेकिन उसकी मां ने इस सवाल पर कोई जवाब नहीं दिया।
क्लोजर रिपोर्ट में पुलिस ने रोहित को वद्देरा जाति का बताया है. और यह पिछड़ा वर्ग में शामिल है। इसकी मौत पर नेताओ ने अपनी छाती पिटी लेकिन सच आते सब के मुंह बंद हो गए।
ज्ञात हो रोहित ने जनवरी 2016 में आत्महत्या कर ली थी। वह हैदराबाद विश्वविद्यालय में पीएचडी की पढ़ाई कर रहा था.एम। जिस समय उसकी मृत्यु हुई थी, उस समय यह मुद्दा पूरे देश में गर्म हो गया था।
विपक्षी पार्टियों ने इसके लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया। शिकायत में वीसी अप्पाराव और बीजेपी नेता बंडारू दत्तात्रेय, एन.रणचंद्र राव और स्मृति ईरानी के नाम का जिक्र था मामले में तत्कालीन भाजपा सांसद बंडारू दत्तत्रेय को भी आरोपी बना दिया गया था। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई थी लेकिन अब सबकी क्लीन चिट मिल गई।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर ट्वीट किया था कि ‘रोहित वेमुला की हत्या नस्लीय भेदभाव के साथ की गई। अपमानजनक है। इतने वर्षों के बाद भी, रोहित और उनकी मां प्रतिरोध और विश्वास के प्रतीक के रूप में खड़े हैं। राहुल ने पहले ट्वीट में कहा था कि ‘रोहित, जो अपनी मृत्यु तक लड़े , मेरा हीरो है, मेरा भाई है।
लेकिन पुलिस जांच में पुलिस ने हाईकोर्ट को बताया कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि किसी ने रोहित का अपमान किया जिस वजह से उसने आत्महत्या की थी।