अर्चना कुमारी। नरेंद्र मोदी मुस्लिमों की तृप्ति करण में जुटे हैं और उन पर बीबीसी ने विवादास्पद वृत्तचित्र बनाकर उन्हें खलनायक पेश करने की कोशिश की है। बीबीसी के विवादास्पद वृत्तचित्र में गुजरात दंगे से लेकर नागरिक संहिता कानून तथा मॉब लिंचिंग समेत कई अन्य कारणों से उन्हें मुस्लिमों का कथित तौर पर दुश्मन करार दिया गया है और इसी वृत्तचित्र के प्रदर्शन को लेकर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से लेकर जामिया विश्वविद्यालय में बवाल चल रहा है। इसके प्रसारण को लेकर जहां जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में बिजली काटी गई, इंटरनेट बंद किया गया और इसके बाद पथराव हुआ वहीं
अब जामिया मिलिया इस्लामिया इसे प्रदर्शन की घोषणा के बाद जमकर हंगामा हुआ और दर्जनों छात्र हिरासत में लिए गए। वाम समर्थित छात्र संगठन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बने बीबीसी के विवादित वृत्तचित्र को दिखाने की घोषणा के बाद दोनों विश्वविद्यालयों में तनाव है और बताया जाता है कि बुधवार को जामिया के छात्रों के एक समूह द्वारा आज विश्वविद्यालय के अंदर बीबीसी की एक डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग का आयोजन किया जाना था, जिसे विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा अनुमति नहीं दी गई थी।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने पुलिस को सूचित किया कि कुछ छात्र सड़कों पर हंगामा कर रहे थे और इसलिए इलाके में शांति सुनिश्चित करने के लिए शाम 4 बजे के आसपास कुल 13 छात्रों को हिरासत में लिया गया। विविद्यालय प्रशासन ने कहा कि स्क्रींिनग की अनुमति नहीं दी जाएगी और वे शांतिपूर्ण अकादमिक माहौल को तबाह करने के निहित स्वार्थ वाले लोगों तथा संगठनों को रोकने के लिए हरसंभव कदम उठा रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने कहा कि एसएफआई ने शाम छह बजे वृत्तचित्र दिखाने की योजना का ऐलान किया है और इससे कुछ घंटे पहले एसएफआई के सदस्यों को हिरासत में लिया गया । एसएफआई की जामिया इकाई ने एक पोस्टर जारी किया जिसके अनुसार एससीआरसी लॉन गेट नंबर 8 पर शाम छह बजे वृत्तचित्र दिखाया जाएगा।
एसएफआई ने उसके सदस्यों को हिरासत में लिये जाने के बाद जारी बयान में कहा, जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र और एसएफआई की जामिया इकाई के सचिव अजीज, जामिया के छात्र और एसएफआई के दक्षिण दिल्ली क्षेत्र के उपाध्यक्ष निवेद्य, जामिया के छात्र और एसएफआई के सदस्य अभिराम तथा तेजस को दिल्ली पुलिस ने वृत्तचित्र की स्क्रींिनग से पहले हिरासत में ले लिया।उसने कहा, ‘‘एसएफआई की जामिया इकाई ने परिसर में आज बीबीसी के वृत्तचित्र के प्रदर्शन का फैसला किया था।
प्रशासन ने भी बयान जारी कर कहा कि वृत्तचित्र के प्रदर्शन के लिए कोई अनुमति नहीं ली गयी है और इसे प्रदर्शित नहीं होने दिया जाएगा। प्रशासन का कहना था कि संज्ञान में आया है कि एक राजनीतिक संगठन से जुड़े कुछ छात्रों ने आज विविद्यालय परिसर में एक विवादित वृत्तचित्र के प्रदर्शन के बारे में पोस्टर बांटे हैं। प्रशासन ने पहले एक पत्र जारी कर कहा था कि सक्षम प्राधिकारियों की अनुमति के बिना परिसर में छात्रों की सभा या बैठक अथवा किसी फिल्म की स्क्रींिनग की अनुमति नहीं दी जाएगी। किसी भी तरह का उल्लंघन होने पर आयोजकों के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।