अर्चना कुमारी। दिल्ली पुलिस ने किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च के कारण व्यापक पैमाने पर तनाव और ‘सामाजिक अशांति’ पैदा होने की आशंका के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में एक महीने के लिए आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू कर दी है। धारा 144 लागू हो जाने के कारण राष्ट्रीय राजधानी में सभा करने, जुलूस या रैलियां निकालने और लोगों को लाने-ले जाने वाली ट्रैक्टर ट्रॉली के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा द्वारा जारी आदेश के जरिए किसी भी प्रकार की रैली या जुलूस निकालने और सड़कों एवं मार्गो को अवरुद्ध करने पर रोक लगा दी गई है। यह आदेश 12 फरवरी से 12 मार्च तक लागू रहेगा। दिल्ली पुलिस के आदेश के तहत ट्रैक्टर रैलियों के राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं को पार करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। ऐसी संभावना है कि मार्च के दौरान पंजाब, उत्तर प्रदेश और हरियाणा से किसान दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश करेंगे।
दिल्ली पुलिस आयुक्त के 11 फरवरी को जारी आदेश में कहा गया है कि संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम)(गैर-राजनीतिक), किसान मजदूर मोर्चा और कई अन्य किसान यूनियन और संघों ने अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन करने के मकसद से 13 फरवरी को ‘दिल्ली चलो’ मार्च की घोषणा की है। इसमें कहा गया है, ‘मार्च में भाग लेने वालों के नयी दिल्ली क्षेत्र में प्रवेश करने के कारण व्यापक तनाव, सार्वजनिक उपद्रव, सार्वजनिक परेशानी, सामाजिक अशांति और हिंसा होने का खतरा है।
आदेश में कहा गया है, प्रदर्शन में भाग लेने वाले लोगों द्वारा दिल्ली में प्रवेश करने के लिए परिवहन के साधन के रूप में ट्रैक्टर, ट्रॉली, ट्रेलर का उपयोग करने की संभावना है जिससे सड़कों पर अनिवार्य रूप से एक बड़ा खतरा पैदा हो सकता है और इससे सड़कों पर लोगों के आवागमन और दिल्ली के निवासियों के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।
’इसमें कहा गया है, ऐसी आशंका है कि कुछ असामाजिक तत्व, प्रदर्शनकारी समूह स्थिति का फायदा उठा सकते हैं और दिल्ली में शांति, सार्वजनिक व्यवस्था के साथ-साथ कानून व्यवस्था के लिए हानिकारक गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं।आदेश में कहा गया है कि दिल्ली के क्षेत्र के भीतर सार्वजनिक स्थानों पर तेजाब जैसे पदार्थ, विस्फोटकों, आग्नेयास्त्रों या हथियारों को ले जाने पर भी प्रतिबंध रहेगा।
पुलिस हरियाणा और उत्तर प्रदेश राज्यों के निकटवर्ती जिलों की सीमाओं से आने वाले सभी वाहनों की कड़ी और गहन जांच करेगी। आदेश में आगे कहा गया है कि मौखिक, लिखित या इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से भावनाओं को भड़काने वाले कार्य करने, नारे लगाने, भाषण देने या संदेश भेजने पर प्रतिबंध रहेगा।