अर्चना कुमारी। हिंदू लड़कियों के टॉयलेट के दृश्य को कैमरे में कैद करने वाली शबनाज, अल्फिया और अलीमा है। खुलासा किया गया है पिछले 1 साल से बाथरूम में कैमरा लगा कर अश्लील वीडियो शूट किए जा रहे थे हिन्दू लड़कियों के और बाद में पल्सर और कार से मुस्लिम लड़के आते थे , फिर मुस्लिम लड़कियाँ उन्हें वीडियो देती थीं। इस वीडियो को बेचा जाता था या फिर पोर्न साइट पर अपलोड किया जाता था, इसका खुलासा नहीं हुआ है । इस दिशा में जांच हो भी रही है या नहीं, इसका पता नहीं चल पाया है। बहरहाल, हैरत की बात तो यह है इस घटना में हिंदू लड़कियों को बदनाम किया गया और उनका जीवन नर्क कर दिया गया लेकिन हिंदू वोट से सत्ता में आई भाजपा की महिला नेत्री और राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य खुशबू सुंदर का कहना है कि इस घटना को सांप्रदायिक रंग न दिया जाए।
उनके अनुसार तो यही मतलब निकलता है कि मुस्लिम लड़कियों की कोई गलती नहीं है। हिंदू लड़कियों के अश्लील वीडियो बन गए हैं तो कोई बात नहीं। दरअसल, इसमें गलती खुशबू सुंदर का नहीं है, जिस पार्टी का सर्वोच्च मुखिया ही पसमांदा मुसलमानों के वोट को पाने के लिए तुष्टीकरण की आलोचना करते करते खुद तृप्ति करण कर रहा है ।
जिस पार्टी का मूल घटक हिंदू और मुसलमानों का डीएनए एक बता चुका है उस पार्टी से कुछ उम्मीद करना अब बेमानी होगी। वैसे भी खुशबू सुंदर खुद एक मुस्लिम है लेकिन उसने अभिनेता, निर्देशक और निर्माता सुंदर सी से शादी की। अभिनेत्री से लेकर पॉलिटिशियन तक का सफर तय करने वाली खुशबू सुंदर हाल ही में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य बनी । एक इंटरव्यू के दौरान अभिनेत्री ने खुलासा कर चुकी है कि जब वह महज आठ साल की थीं तो उनके पिता ने उनके साथ यौन शोषण किया था। द्रमुक पार्टी से कांग्रेस होते हुए बीजेपी में आई खुशबू सुंदर 2018 में जब कांग्रेस में थीं, तब उन्होंने ट्वीट किया था, मोदी वहां मोदी जहां देखो मोदी…लेकिन ये क्या? हर मोदी के आगे भ्रष्टाचार सरनेम लगा हुआ है।
नीरव मोदी और ललित मोदी के बहाने उसने नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष किया और भाजपा में आते ही उसे राष्ट्रीय महिला आयोग का सदस्य बना दिया। ऐसे में नेत्र ज्योति कॉलेज” की हिंदू छात्राओं को उनसे समर्थन की उम्मीद करना बेमानी होगी। बताया जाता है कि टॉयलट में लड़कियों की वीडियो रिकॉर्डिंग के मामले में कर्नाटक की उडुपी पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दो मामले दर्ज किए । पुलिस के मुताबिक, एक मामला शौचालय में फिल्माए गए एक छात्रा के वीडियो को हटाने से संबंधित तीन छात्राओं और कॉलेज प्रशासन से जुड़ा है। दूसरा यूट्यूब चैनलों पर हिडन कैमरे का वीडियो अपलोड करने से जुड़ा है।
अभी तक की जांच में पता चला है कि मुस्लिम तीन लड़कियों ने बाथरूम में मोबाइल कैमरा फिट किया था, और दूसरी धर्म की कई लड़की का वीडियो बना लिया था। मामला सामने आने के बाद तीन छात्राओं के खिलाफ के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। एफआईआर उडुपी के मालपे पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई है। एफआईआर में तीन छात्राओं शबनाज, अल्फिया और अलीमा का नाम शामिल है। इन तीनों को कॉलेज से सस्पेंड किया गया है लेकिन गिरफ्तारी नहीं की गई है।
मामला जब खुला जब वीडियो वाट्सअप के माध्यम से एक यूट्यूब चैनल पर प्रसारित हुआ। हैरानी तो तब लोगों को हुई और कर्नाटक के लोग ठगा महसूस किए जब एनसीडब्ल्यू सदस्य खुशबू सुंदर ने कहा कि मैं एनसीडब्ल्यू सदस्य के रूप में जांच के लिए यहां आई हूं। मैं पुलिस के साथ बैठक करने जा रही हूं। और फिर निश्चित रूप से इसमें शामिल लड़कियों से मिलूंगी। और अन्य छात्रों और कॉलेज अधिकारियों से मिलकर पता लगाऊंगी कि क्या हुआ है। जैसे उसे कुछ पता ही नहीं है।