अर्चना कुमारी। जब झारखंड मे चोर तबरेज मरा था तब कथित सेकुलर इसको महान बताते हुए देशभर में छाती पीटी थी लेकिन जब अब झारखंड के शहर दुमका में अंकिता को शाहरुख ने जिंदा जला दिया तब कोई भी कुछ नहीं बोल पा रहा है। इस घटना के बाद दुमका का हिंदू समाज खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है और अंकिता का जहां घर है, उस जरुआडीह मोहल्ले में हिंसा न भड़क जाए ।
इस वजह से सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। पुलिस सूत्र बताते हैं स्थानीय लोगों के आक्रोश और किसी तरह की अशांति या अनहोनी को देखते हुए पुलिस बल को अलर्ट मोड में रखा गया है। सूत्रों ने दावा किया कि बेदिया श्मशान घाट में अंकिता के अंतिम संस्कार के लिए स्थानीय लोगों की भारी भीड़ जमा हुई और और लोगों ने प्रदेश सरकार को जमकर कोसा। अंकिता को मुखाग्नि उसके दादा अनिल सिंह ने दी है ।
दुमका वह शहर है ,जहां पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक शिबू सोरेन उर्फ गुरुजी कई बार चुने गए और उनकी जनता में खास छवि रही है लेकिन इस घटना ने गुरुजी तथा उनके बेटे हेमंत सोरेन के छवि को दागदार बना दिया । हेमंत सोरेन अब फास्ट ट्रैक अदालत में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कहते हैं लेकिन पीड़ित परिवार से मिलकर अब तक सहानुभूति नहीं जताई है। इतना ही नहीं पीड़ित परिवार निर्धन है और उन्हें अब तक फूटी कौड़ी देना भी मुनासिब नहीं समझा ।
स्थानीय लोगों का कहना है कि आरोपी शाहरुख हुसैन को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए और विभिन्न सामाजिक संगठनों के द्वारा दुमका बंद का आह्वान किया गया है। दरअसल, दुमका में संजीव सिंह नामक व्यक्ति की बेटी अंकिता को पड़ोस में ही रहने वाला शाहरूख जिंदा उसके घर में जबरन घुसकर जला दिया। आरोपी अंकिता को काफी समय से परेशान कर रहा था और वह उस पर लव जिहाद करते हुए शादी के लिए दबाव बना रहा था।
अंकिता के घर वालों ने पुलिस को बताया कि शाहरूख ने कहीं से अंकिता का नंबर हासिल कर लिया था और वह एकतरफा प्यार में अंकिता पर दोस्ती करने का दबाव डाल रहा था। सूत्रों का दावा है कि अंकिता का मोबाइल नंबर उसकी एक सहेली ने शाहरुख को दिया था। आरोप है कि अंकिता जब उससे दोस्ती के लिए राजी नहीं हुई और उसे अपनी हद में रहने की चेतावनी दी तो शाहरुख ने आपा खो दिया और धमकी दी कि अगर मेरा कहा नहीं मानोगी तो मैं तुम्हें मार डालूंगा। इसके बाद 23 अगस्त (मंगलवार) सुबह 5:00 बजे अंकिता घर में सोई हुई थी।
उस दौरान चोरी छिपे शाहरूख उसके घर पहुंचा और खिड़की से उस पर पेट्रोल फेंक दिया और जब तक वह कुछ समझ पाती आरोपी ने माचिस जला कर उसको आग लगा दी। बुरी तरह झुलसी अंकिता को उपचार के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां से बेहतर इलाज के लिए उसे रिम्स रेफर किया गया था लेकिन रिम्स में अंकिता ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया । इस तरह हिंदू लड़की सदा के लिए मौत के आगोश में समा गई।
स्थानीय लोगों का कहना है कि डीएसपी जो कि मुस्लिम समुदाय से आता है उसमें शाहरुख की बचाने की हर संभव कोशिश शुरू कर दी लेकिन पुलिस अधिकारी को निलंबित कर आरोपी शाहरुख को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि अंकिता पर पेट्रोल डालकर आग लगाने वाला शाहरुख अब जेल में है लेकिन उसे इस घटना को लेकर कोई पछतावा नहीं । जब वह पकड़ा गया तब पुलिस गिरफ्त में मौजूद रहते हुए भी मुस्कुरा रहा था।
दूसरा आरोपी नईम अंसारी जो शाहरुख को पेट्रोल मुहैया कराया था वह भी पुलिस की गिरफ्त में है। लेकिन लोग उसे जल्द से जल्द सजा दिलाने की मांग को लेकर सड़कों पर हैं लोग चाहते हैं कि दोनों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। सोशल मीडिया पर भी इस कांड को लेकर अभियान चल रहा है। ट्विटर पर ‘अंकिता हम शमिंर्दा हैं’ का हैशटैग ट्रेंड कर रहा है।
अंकिता की मौत के पहले उसके बयान का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह कह रही है कि उसे जलाने वाला शाहरुख जेल गया है तो इसके बाद उसके लोग मेरे घर वालों को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। 17 साल की अंकिता गर्ल्स हाई स्कूल में 12वीं में पढ़ती थी और अपने परिवार का खर्च चलाने के लिए ट्यूशन पढ़ाती थी। उसका परिवार बेहद निर्धन है और अंकिता के पिता की आमदनी रोजाना 200 रुपये बताई जाती है।
पुलिस सूत्रों का कहना है अंकिता के मां की कैंसर से मौत हो चुकी है उनके इलाज में ही परिवार को सारी जमीनें, संपत्ति बेचनी पड़ी। अब अंकिता का छोटा भाई छठी कक्षा में है और उसका परिवार दो कमरे के घर में निवास करता है। झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए पुलिस प्रमुख नीरज सिन्हा और झारखंड के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को तलब किया और उन्हें आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। लेकिन अभी अंकिता का परिवार सरकारी मदद मिलने का इंतजार कर रहा है और उन लोगों ने दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है।