अर्चना कुमारी। यह देश की राजधानी कि दिल्ली पुलिस है जो दिल्ली दंगों को लेकर किस कदर जांच कर रही है उसका नायाब नमूना तब पेश आया जब जामिया हिंसा मामले में शरजील इमाम और आसिफ इकबाल तन्हा और अन्य कुछ आरोपियों को को बरी कर दिया गया।
दिल्ली की साकेत अदालत ने शनिवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में दिसंबर, 2019 में हुई हिंसा की घटनाओं से जुड़े एक मामले में शारजील इमाम और आसिफ इकबाल तन्हा समेत कुछ अन्य आरोपियों को आरोप मुक्त कर दिया। साकेत अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अरुल वर्मा ने बरी किए जाने का आदेश पारित किया।
बताया जाता है कि एफआईआर में दंगा और गैरकानूनी रूप से जमा होने के अपराध का आरोप लगाया गया और चर्चित इस मामले में आईपीसी की धारा 143, 147, 148, 149, 186, 353, 332, 333, 308, 427, 435, 323, 341, 120B और 34 के तहत अपराध दर्ज किया गया ।
हालांकि, इमाम अभी भी 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के संबंध में दर्ज अन्य एफआईआर में हिरासत में है। बताया जाता है इमाम और तन्हा दोनों स्पेशल सेल के मामले में आरोपी हैं, जिसमें आरोप लगाया गया है कि 2020 के पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों के पीछे एक बड़ी साजिश थी।
इमाम और अन्य के खिलाफ दंगा और गैरकानूनी रूप से इकट्ठा होने के आरोपों में दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज किया था। हालाँकि, शरजील इमाम को अभी भी नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ फरवरी 2020 के दिल्ली के नॉर्थ ईस्ट इलाके में हुए दंगों के मामले में हिरासत में हैं जहाँ वह मुख्य आरोपी है।