अर्चना कुमारी। संसद के भीतर और बाहर हंगामा करने के आरोप में गिरफ्तार किये गये चार आरोपियों को एक विशेष अदालत में पेश किया और इन्हें 15 दिन की पुलिस हिरासत में भेजने का अनुरोध किया। लेकिन रिमांड सात दिन का दिया गया। पुलिस ने आरोपियों – मनोरंजन डी., सागर शर्मा, अमोल और नीलम देवी- को एनआईए मामलों की विशेष न्यायाधीश हरदीप कौर की विशेष अदालत में पेश किया।
पुलिस ने अदालत से आरोपियों को उसकी हिरासत में भेजने का अनुरोध किया ताकि उनसे पूछताछ की जा सके। आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धाराओं के अलावा आतंकवाद-रोधी कानून यूएपीए के तहत आरोप लगाए गए हैं। बहस के दौरान अभियोजन पक्ष ने चारों व्यक्तियों पर आतंकवादी कृत्य में शामिल होने का आरोप लगाया और कहा कि उन्होंने डर पैदा करने की कोशिश की।
पुलिस ने कहा, यह संसद पर सुनियोजित हमला था। उसने आरोपियों के खिलाफ आतंकवाद और आतंकवाद की साजिश से संबंधित यूएपीए की धाराएं 16 और 18 जोड़ी हैं। पुलिस ने कहा, उन्हें दर्शक दीर्घा तक ही सीमित रहना था।वे दर्शक दीर्घा से वेल में कूद गए, जो घुसपैठ थी। उन्होंने (धुएं की) कैन अपने जूतों में छिपाई हुई थी। घटना के पीछे के असल मकसद को सामने लाने और यह पता लगाने के लिए कि क्या कुछ अन्य लोग भी शामिल थे, आरोपियों की हिरासत में पूछताछ आवश्यक है।
अदालत को बताया गया, विशेष जूते लखनऊ में बनाए गए थे, जिनकी जांच की जानी चाहिए। उन्हें जांच के लिए मुंबई, मैसूर और लखनऊ ले जाने की जरूरत है। आरोपियों की इस दलील पर कि उनके पास उनका प्रतिनिधित्व करने के लिए कोई वकील नहीं है, अदालत ने आरोपियों के लिए एक वकील नियुक्त किया।
इस बीच संसद की सुरक्षा में चूक की घटना के सिलसिले में दिल्ली पुलिस के आठ कर्मियों को निलंबित किया गया है। कर्मियों की पहचान रामपाल, अरविंद, वीर दास, गणोश, अनिल, प्रदीप, विमित और नरेंद्र के रूप में की गई है। जांच में पता चला है, कोलकाता निवासी ललित झा पेशे से शिक्षक है और सुरक्षा में सेंधमारी मामले में मुख्य साजिशकर्ता है। ललित और अन्य आरोपी क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह से प्रभावित थे और ऐसा करना चाहते थे। जिससे देश का ध्यान उन पर जाए।
सुरक्षा एजेंसियों को अब तक ऐसा कोई सुराग नहीं मिला है जिससे इनका संबंध किसी आतंकी समूह से होने का संकेत मिले। सभी छह लोग सोशल मीडिया से संपर्क में आए थे और फिर फेसबुक में भगत सिंह ‘फैन पेज’ से जुड़े थे। ललित शिक्षक था, उसने ही कमान संभाली और मनोरंजन को मानसून सत्र के दौरान संसद के सभी प्रवेश द्वारों की रेकी करने (टोह लेने) का निर्देश दिया। जांच से जुड़े एक पुलिस अधिकारी ने कहा, जुलाई में मनोरंजन दिल्ली आया और विजिटर पास के जरिए संसद के अंदर गया।
वहां उसे पता चला कि जूतों की तलाशी नहीं ली जाती। बुधवार को ललित चार अन्य लोगों के साथ संसद आया। उनमें से केवल दो लोगों के नाम पर पास थे, ऐसे में ललित ने चारों-सागर, मनोरंजन, नीलम और अमोल के फोन ले लिए। संसद परिसर के अंदर और बाहर जिन केन से रंगीन धुआं फैलाया गया था उसे अमोल महाराष्ट्र के कल्याण से लाया था। सागर और मनोरंजन अंदर चले गए, जबकि नीलम और अमोल बाहर गेट पर रुके, जहां उन्होंने भी रंगीन केन खोले और उससे पीला तथा लाल रंग का धुआं फैलाया।
संसद के बाहर से नीलम और अमोल को हिरासत में लिए जाने के तुरंत बाद ललित ने घटना का वीडियो अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट किया और इसे इस समूह का हिस्सा रहे विशाल शर्मा उर्फ विक्की के साथ साझा किया। ललित की आखिरी लोकेशन राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर पर नीमराणा में मिली थी।
पुलिस ने पहले कहा था कि सभी पांचों आरोपी 10 दिसंबर को मिले थे और गुरुग्राम में विशाल शर्मा के घर पर रुके थे। नीलम, मनोरंजन, अमोल और विशाल हिरासत में हैं और दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ (स्पेशल सेल) और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने उनसे पूछताछ की है।