अर्चना कुमारी। संसद के अंदर और बाहर हंगामा करने वाले पुछताछ के दौरान दावा किया कि महंगाई व बेरोजगारी के मुद्दे पर वो सरकार का ध्यान खींचना चाहते थे। करीब डेढ़ साल पहले फेसबुक के जरिये सभी आपस में जुड़े थे। विभिन्न मुद्दों पर बातचीत करने के लिए एक वाट्स एप ग्रुप भी बनाया था। जिसमें सभी आपस में बात करते थे। ग्रुप में शामिल सदस्य कामन फ्रेंड हैं लेकिन घटना को लेकर बड़ी साजिश से इंकार किया । फिलहाल दिल्ली पुलिस उनके दावे की जांच कर रही है। दिल्ली पुलिस समेत सभी केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी इस पूरे मामले की गहन जांच कर रही है।इस वजह से अधिकारी कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे है। हालांकि पुलिस का कहना है किसी तरह की साजिश में आरोपियो की संलिप्तता पाई जाएगी तो इन्हे बक्शा नही जाएगा।
अब तक इस मामले में गिरफ्तार और हिरासत में छह आरोपी है। इनमे सागर शर्मा, मनोरंजन, नीलम, अमोल शिंदे, विक्की शर्मा व उसकी पत्नी वृंदा शर्मा है। जबकि फरार ललित झा घटना का मास्टरमाइंड हो सकता है। अमोल शिंदे, लातूर, महाराष्ट्र का रहने वाला है। वह भारतीय सेना में शामिल होने के लिए प्रयासरत था। अमोल के इंस्टाग्राम में सागर शर्मा है। सागर शर्मा लखनऊ का रहने वाला है। वह बैटरी रिक्शा चलाता था। उसके पिता कारपेंटर हैं। उसकी मां ने दावा किया कि दिल्ली में धरना प्रदर्शन में भाग लेने के बहाने वह घर से दिल्ली के लिए निकला था। तीन दिन पहले वह दिल्ली आया था।
संसद भवन से कुछ दूर ट्रांसपोर्ट भवन के पास कलर स्मोक क्रैकर चलाते हुए नारेबाजी शुरू तब पुलिसकर्मियों ने दोनों को दबाेच लिया। उस दौरान मौके पर ललित झा भी था। उसने वीडियो बनाकर तुरंत इंस्टाग्राम पर अपलोड कर दिया था और मौके से भागने में सफल हो गया था। ललित झा भी गुरुग्राम में रहता है। उसकी तलाश जारी है। विक्की शर्मा व उसकी पत्नी वृंदा शर्मा को चारों को शरण देने के आरोप में पकड़ा गया है। चारों पहले गुरुग्राम में विक्की के यहां ही ठहरे थे।
ज्ञात हो संसद पर हमले की बरसी के अवसर पर बुधवार को सुरक्षा में गंभीर चूक सामने आई। लोकसभा में विजिटर्स गैलरी से अचानक दो शख्स सांसदों के बीच कूद गए। इसके बाद उन्होंने स्प्रे छिड़ककर लोकसभा को धुआं-धुआं कर दिया। बाहर भी हंगामा हुआ और इस मामले में हिरासत में लिए आरोपी में एक महिला जींद की भी है। हरियाणा के जींद के गांव घासो की रहने वाली युवती के परिजनों का कहना है कि बेरोजगारी के चलते उनकी बेटी परेशान रहती थी।
वह कहती थी- मैंने इतनी पढ़ाई की है, लेकिन दो रोटियों का साधन नहीं जुटा पा रही हूं। इससे अच्छा कि मर जाऊं। परिजनों का यह भी कहना है कि आरोपी युवती नीलम काफी पढ़ी लिखी है। उसने बीए, एमए, बीएड, एमफिल, एचटेट, नेट पास की हुई है। इसके बावजूद उसे नौकरी नहीं मिल रही थी। वह अक्सर बेरोजगारी से दुखी रहती थी।
आरोपी नीलम की मां सरस्वती का कहना है कि वह कई महीने पहले पढ़ाई के लिए हिसार गई हुई थी। आज ही उससे बात हुई थी। उसने मेरा हालचाल पूछा क्योंकि मैं बीमार थी और मुझे ग्लूकोज चढ़ा था। बेटी ने कहा कि अपना इलाज अच्छे से करवा लेना। बेटी ने आज की घटना के बारे में कुछ नहीं बताया और न ही यह बताया कि वह दिल्ली में है।
नीलम के भाई रामनिवास का कहना है कि नौकरी न मिलने से वह दुखी रहती थी। बेरोजगारी के मुद्दों को उठाने के लिए वह ‘किसान आंदोलन’ में भी गई, लेकिन हमने आंदोलन छुड़ाने के बाद उसे पढ़ाई के लिए हिसार भेज दिया।