अर्चना कुमारी। भारत विरोधी कई आतंकी विदेश में पिछले कुछ दिनों में मारे गए। यह आपसी गैंगवार का नतीजा है या फिर सुरक्षा एजेंसियां रणनीति बदलते हुए उन्हें वही मरवा दिया, जहां वो सक्रिय थे। कनाडा के पीएम के आरोप के बाद यह चर्चा शुरू हो गई है कि कही खुफिया एजेंसी रॉ के कहने पर तो नही उन्हें ठिकाने लगा दिया गया ।
हालांकि भारत सरकार इस तरह के आरोपों से इनकार किया है । गौर करे तो पाकिस्तान और कनाडा में पिछले कुछ दिनों में ज्यादा आतंकी मारे गए है और कहा जा रहा है खुफिया एजेंसी रॉ ने अपनी रणनीति बदल ली है, जिसके बाद आतंकी एक एक कर मारे जा रहे है। पहले इंटरपोल से मदद लेते हुए विदेश से आतंकी का प्रत्यर्पण होता था लेकिन इसमें कई तरह की कानूनी अरचन होने से खासी दिक्कत पेश होती थी। पिछले कुछ दिनों में कई मोस्टवांटेड आतंकवादियों का खात्मा हुआ ।
इनमे रियाज,बशीर अहमद, परमजीत पंजवार व खालिद रजा आदि पाकिस्तान में मारा गया जबकि अवतार खांडा इंग्लैंड और हरदीप निज्जर कनाडा में मौत के घाट उतारा गया। पाकिस्तान में रहकर आतंकी नेटवर्क चलाने वाले खालिस्तान कमांडो फोर्स के सरगना परमजीत सिंह पंजवर की तो लाहौर में गोली मारकर इस वक्त हत्या कर दी गई।
जब पंजवर मॉर्निंग वॉक कर रहा था। पंजवर को पाकिस्तानी सरकार ने सुरक्षा मुहैया कराई थी इसके बावजूद भी उसकी हत्या हो गई। पंजवर ही नहीं जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के रहने वाले बशीर अहमद पीर उर्फ इम्तियाज आलम की पाकिस्तान में अज्ञात हमलावर ने गोली मारकर हत्या कर दी थी ।हिजबुल मुजाहिदीन के लॉन्चिंग कमांडर रहे बशीर अहमद पीर उर्फ इम्तियाज आलम को रावलपिंडी में गोलियों से भून दिया गया था।
पिछले ही साल भारत सरकार ने उसे आतंकी घोषित किया था। वह रावलपिंडी में बैठकर ही जम्मू कश्मीर में घुसपैठ करने वाले आतंकियों के लिए रसद और अन्य संसाधन उपलब्ध कराने का काम करता था।इसी तरह अज्ञात हमलावरों ने पाकिस्तान में एक और भारत विरोधी टॉप आतंकी को मारा था । लश्कर-ए-तैयबा सरगना हाफिज सईद के करीबी माने जाने वाले आतंकवादी अबू कासिम को भी मार गिराया गया ।
अबू कासिम को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के रावलकोट में एक मस्जिद के अंदर गोली मारी गई। इस हमले ने पाकिस्तान के भीतर सक्रिय आतंकवादी संगठनों से बढ़ती आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियों पर सवाल खड़े कर दिए थे।अबू कासिम कई आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार था। वह जम्मू-कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों के खिलाफ कई हमलों में शामिल था।
इतना ही नहीं, वह पीओके से लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों को लॉन्च पैड के जरिए जम्मू और कश्मीर में दाखिल कराता था। वह उन आतंकवादियों के रहने, खाने-पीने और पैसों का इंतजाम भी करता था। कासिम स्थानीय युवाओं को लश्कर में भर्ती करने के काम में भी शामिल था। उसे इसके लिए पाकिस्तान से पैसे मिलते थे।