अर्चना कुमारी। मुजफ्फरनगर में एक मुस्लिम समुदाय के स्कूली छात्र को उसके सहपाठी के एक शिक्षिका के आदेश पर थप्पड़ मारे जाने के मामले में टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट कहा कि घटना जिस प्रकार से घटी, उससे सरकार की अंतरात्मा झकझोर जानी चाहिए।
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने उत्तर प्रदेश के स्कूलों में दी जा रही शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल किया और कथित घटना की जांच निगरानी के लिए भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के एक अधिकारी को तैनात करने का राज्य सरकार को आदेश दिया।
पीठ ने कहा, यह मामला गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से संबंधित है, जिसमें संवेदनशील शिक्षा भी शामिल है। जिस तरह से यह हुआ है, उससे राज्य की अंतरात्मा झकझोर देनी चाहिए।पीठ ने दी गई यह सजा को ‘सबसे खराब शारीरिक सजा’ बताया । अदालत ने प्रथम दृष्टया राज्य सरकार को शिक्षा का अधिकार अधिनियम और उन नियमों के अनुपालन में विफल पाया, जो छात्रा के शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न और धर्म और जाति के आधार पर उनके भेदभाव को रोकते हैं।
हम हमेशा यह स्वत: संज्ञान ले सकते हैं, क्योंकि यह संविधान के अनुच्छेद 21ए (शिक्षा का अधिकार) का सीधा उल्लंघन है।‘‘पीठ ने सरकार की इस दलील खारिज कर दी कि तुषार गांधी द्वारा दायर याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता, क्योंकि वह महात्मा गांधी के परपोते हैं।शीर्ष अदालत ने मुकदमा दर्ज करने में हुई लंबी देरी और तरीके पर भी गंभीर आपत्ति जताई।
सरकार का पक्ष रख रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज ने जब कहा कि सांप्रदायिक पहलू को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया। इस पर पीठ ने उनसे पूछा, ‘‘यह बहुत गंभीर मामला है। शिक्षक ने बच्चे को उसके धर्म के कारण पीटने का आदेश दिया? यह कैसी शिक्षा दी जा रही है?’पीठ ने कई सवाल करते हुए कहा, ‘जांच की निगरानी वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को करने दें। आरोप पत्र कब दाखिल किया जाएगा? गवाहों और बच्चे को क्या सुरक्षा दी जाएगी? हम जानना चाहते हैं।
काउंसलिंग पेशेवर होनी चाहिए।’ आरोप लगाए गए थे कि उन्हें धर्म के कारण पीटा गया था। इस आरोप का मुकदमा में उल्लेख नहीं है।’ अदालत ने यह भी नोट किया गया कि काफी समय बीतने बाद 6 सितंबर 2023 को किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 75 और आईपीसी की धारा 323 और 503 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 30 अक्टूबर की तारीख मुकर्रर की है।
ज्ञात हो तुषार गांधी की याचिका में 24 अगस्त 2023 के ‘परेशान करने वाले वीडियो’ की जांच की मांग की गई है, जिसमें कथित तौर पर मुजफ्फरनगर गांव के नेहा पब्लिक स्कूल में अपनी दिव्यांग शिक्षिका तृप्ति त्यागी के निर्देश पर साथी छात्र द्वारा एक सात साल के लड़के को थप्पड़ मारते हुए दिखाया गया था। जिसके बाद खूब हंगामा मचा था