अर्चना कुमारी। हिजाम लिनथोइंगंबी और फिजाम हेमनजीत, उम्र 17-17 वर्ष, दो नाबालिग किशोर/ किशोरी को 6 जुलाई को मणिपुर में अपहरण कर लिया गया था और तब से वे लापता थे । अब खुलासा हुआ है उन्हें कथित तौर पर कुकीआतंकवादियों द्वारा बिष्णुपुर से अपहरण कर उसी दिन उनका सिर काट दिया गया था।
इस घटना बाद परिजनों के घर सन्नाटा पसरा है और दो हिंदू किशोरों की नृशंस निर्मम हत्या से लोगो में गुस्सा है। लोगो का कहना है आखिर कब तक हिंदू मैतेई लोग अपनी जान देकर इसकी कीमत चुकाएंगे?
इतनी बड़ी सेना, हथियार, वायुसेना के साथ क्या कुकी आतंकवादियों के एक समूह को नियंत्रित नहीं कर सकते और ऐसा लगता है कि सरकार ने उन्हें खून बहने की खुली छूट दे रखी है। उन लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मदद की गुहार लगाई है। इस बारे में लिनथोइनगांबी के पिता ने पूर्व में कहा था उनकी बेटी ने 6 जुलाई को सुबह 10 बजे के आसपास अपनी मां से बात की थी। कुछ देर बाद बात हो रही थी कि अचानक उसका फोन बंद हो गया।
इस दौरान कुकी आंतकवादियों ने उसे अगवा कर दिया था। लिनथोइनगांबी एक डॉक्टर बनना चाहती थीं और उसके साथ मारे गए एक छात्र हेमाजीत से उनकी मुलाकात 11वीं कक्षा में गणित की ट्यूशन के दौरान हुई थी। कुकी उग्रवादियों ने दोनों को एक साथ अगवा किया और मौत के घाट उतार दिया।
आशंका है लड़की के साथ शारीरिक तौर पर प्रताड़ना भी दी गई थी हालांकि अधिकारी तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की गई है जबकि हेमाजीत के एक रिश्तेदार का कहना था उसकी मां का हाल बेहाल है, वो पूरे समय रोती रहती हैं और ढंग से खाना भी नहीं खा रही हैं। पिछले कुछ महीनो में वह पूरी तरह से बदहवास हो चुकी हैं और स्थानीय पुलिस प्रशासन में उनके लिए कुछ नहीं किया।
मणिपुर पुलिस का कहना है कि कुकी आंतकवादियों द्वारा अगवा किए गए दोनों छात्र-छात्रा बहुत छोटे थे। जांच के दौरान उनके फोन की आख़िरी लोकेशन क्वाक्टा सेवला थी, जो कुकी इलाके के नजदीक है और असम का है कि अपहरण के बाद ही उनकी हत्या कर दी गई थी।सनद रहे मणिपुर में जारी जातीय हिंसा के बीच मैतेई और कुकी समुदाय ने अपनी-अपनी सुरक्षा के लिए भौगोलिक सीमाएं तय कर ली हैं और जो भी इन सीमाओं का उल्लंघन करता है उनको अगवा किए जाने के बाद हत्या कर दिया जाता है। पिछले कुछ समय से लगातार मणिपुर में हिंसा जारी है और या कब बुझेगी यह किसी को नहीं पता