अर्चना कुमारी। साल 2023 समाप्त होने वाला है और पूरा देश अपराधिक घटनाओं को साल भर झेलता रहा। मणिपुर की हिंसा तो अबतक जारी है जबकि हर साल की तरह इस बार भी हत्या, रेप, छेड़खानी व अन्य आपराधिक घटनाओं से शर्मशार होना पड़ा।इससे देश की राजधानी दिल्ली की देश और दुनिया में छवि तो धूमिल हुई ही महाराष्ट्र, यूपी, बिहार और अन्य राज्य भी इससे अछूते नहीं रहे। दक्षिण से लेकर उत्तर और पूर्व से पश्चिम तक निरंतर अपराध घटित हुए।
महिलाओं पर होने वाले जुर्म में दिल्ली अब्बल पर रहा। एनसीआरबी ने 2022 का डेटा पेश किया था। उसमे कुल अपराधों में 31.20 फीसदी महिलाओं से जुड़ा था। महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध के मामले में देश के 19 महानगरों में लगातार तीसरे साल दिल्ली टॉप पर रहा। केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाली ऑर्गनाइजेशन नैशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के साल 2022 के जारी आंकड़ों से ये खुलासा हुआ है, की दिल्ली में 2021 में रोज औसतन दो रेप के केस दर्ज होते थे, जिनका आंकड़ा 2022 में तीन तक पहुंच गया। कमोबेश यही हाल 2023 का भी है। बढ़ते अपराध के चलते दिल्ली पुलिस ने तो सालाना आंकड़ा बताना ही छोड़ दिया शायद तभी तो अपनी वेबसाइट में अपराध के आंकड़े हर महीने या डेढ़ महीने में अपडेट किया करती थी।
लेकिन जुलाई 2022 से इसे अपडेट करना बंद हैं। दिल्ली पुलिस कमिश्नर की तरफ से भी सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में साल भर का लेखा-जोखा पेश किया जाता था, जो इस साल नहीं हुआ । इसलिए दिल्ली में हुए साल 2022 और इस साल नवंबर 2023 तक के क्राइम डेटा की जानकारी सार्वजनिक नहीं हो सकी। अब एनसीआरबी के 2022 के आंकड़ों से खुलासा हुआ है कि दिल्ली की हर एक लाख में से 189.9 महिलाएं अपराध का शिकार हुई हैं।
दिल्ली के बाद मुंबई का नंबर आता है, जहां 6176 महिलाएं क्राइम का शिकार हुईं। तीसरे नंबर पर 3924 के साथ बेंगलुरू है। दिल्ली में 1204 रेप केस दर्ज हुए, जो सबसे ज्यादा हैं। इसके बाद जयपुर का नंबर है, जहां 497 केस दर्ज हुए थे। इसी तरह दिल्ली में पॉक्सो एक्ट के तहत 2022 में 1529 मामले सामने आए। मुंबई 1195 केसों के साथ दूसरे नंबर पर है। राज्यों की बात करें तो महाराष्ट्र में सबसे सबसे ज्यादा 20,762 केस हुए। इसके बाद मध्य प्रदेश (20415) और उत्तर प्रदेश (18682) का नंबर है। रेप के राजस्थान में 5399 और यूपी में 3690 केस दर्ज हुए।
देश के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में महिलाओं पर होने वाले अपराधों में चार फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। लेकिन दिल्ली समेत 19 महानगरों में ये बढ़ोतरी 12.3 फीसदी तक पहुंची है। देश भर की बात करें तो 2021 में महिलाओं पर जुर्म के 4,28,278 मामले सामने आए थे, जो 2022 में 4,45,256 तक पहुंच गए। महिलाओं पर होने वाले अपराधों पर औसतन रोजाना हर घंटे में 51 मुकदमे दर्ज हो रहे हैं।साल 2023 की शुरुआत ही दिल्ली को शर्मसार करने वाली घटना से हुई थी।
जब सुल्तानपुरी इलाके में 31 दिसंबर और 1 जनवरी की रात 20 साल की अंजलि को कार के साथ घसीटा गया। उसके शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं बचा था। यहां जापानी महिला से छेड़छाड़ का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। दिल्ली के शाहबाद डेरी क्षेत्र में तो 28 मई 2023 को 16 साल की नाबालिग लड़की साक्षी की चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पहले आरोपी ने साक्षी को बार-बार चाकू गोद हत्या की. और उसके बाद पत्थर से उसका सिर कुचल दिया था।
इस तरह की कई और घटनाए हुई। देश भर में कई घटनाएं सुर्खिया बटोरी लेकिन सबका जिक्र संभव नहीं फिर भी उदयपुर राजस्थान में एक 10 वर्षीय बच्ची से रेप और उसके शरीर को 10 टुकड़े करने की वारदात ने पूरे देश की रूह को कंपा दिया। भीलवाड़ा में एक मासूम बच्ची को कोयले की भट्टी में झोंक दिया गया। लगातार बढ़ते अपराध और खासकर महिला की सुरक्षा में अक्षम दिखी सभी राज्य की पुलिस। बिहार हो या यूपी लगातार अपराध होते रहे। बिहार को फिर से जंगल राज का दर्जा दिया गया।
हैरत की बात है की नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के आंकड़े के अनुसार जहा पेशेवर अपराधी वारदात को तो अंजाम दे ही रहे नाबालिग भी कुछ कम नहीं है। देश में नाबालिगों में आपराधिक प्रवृत्ति लगातार बढ़ती जा रही है। साल 2021 में नाबालिगों के खिलाफ करीब 31 हजार से ज्यादा क्रिमिनल केस दर्ज किए गए थे, जिनमें 37 हजार से ज्यादा को गिरफ्तार किया गया। यही स्थिति और ज्यादा अब बढ़ गई है तभी तो निर्भया रेप में जहा नाबालिग सबसे ज्यादा दरिंदगी की थी।
ये अकेली घटना नहीं है जो बताती है कि कैसे नाबालिग बर्बर हत्याओं के मामलों में शामिल होने लगे हैं और कई घटना हुई है। आंकड़े बताते हैं कि भारत में नाबालिगों में अपराध की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ती जा रही है। हर साल नाबालिगों के खिलाफ 30 हजार आपराधिक मामले दर्ज किए जाते हैं। 35 हजार से ज्यादा नाबालिगों को गिरफ्तार किया जाता है। हैरान कर देने वाली बात ये भी है कि 10 में से 9 नाबालिग पर दोष भी साबित हो जाता है।
बुजुर्गो की बात करे तो दिल्ली में बुजुर्गों के खिलाफ 11% बढ़े है क्राइम तथा देशभर में सबसे ज्यादा क्राइम रेट दिल्ली में है। बुजुर्गों के खिलाफ अपराध में 11.25% का इजाफा हुआ है। देशभर में बुजुर्गों के खिलाफ अपराध 9.3% बढ़े हैं और दिल्ली का क्राइम रेट इससे भी ज्यादा है।
निष्कर्श ये है की देश भर में अपराध बढ़ रहे है और खासकर साइबर क्राइम के मामले रोज बढ़ते ही जा रहे हैं। इससे निबटने में पुलिस अक्षम साबित हो रही है। वैसे तो दुनिया भर में साइबर अपराध बढ़ रहा है लेकिन भारत में इसका दायरा काफी बढ़ गया है। साइबर चुनौती ने सालभर सारे राज्यों की पुलिस को नाक में दम करके रखा।