अर्चना कुमारी। आप नेता संजय सिंह की मुश्किल बढ़ गई है। दिल्ली की अदालत ने उनको जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि संजय सिंह के खिलाफ मामला वास्तविक है। साथ ही कहा कि जो सबूत पेश किए गए हैं, वह कथित मनी लॉन्ड्रिंग में उनकी संलिप्तता दिखाते हैं। दिल्ली शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह की जमानत याचिका फिर खारिज हो गई।अदालत ने कहा प्रस्तुत साक्ष्यों से पता चलता है कि संजय सिंह कथित मनी लॉन्ड्रिंग में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अपराध की आय से जुड़ी गतिविधियों में शामिल थे।
लेकिन संजय सिंह के वकीलों ने कोर्ट से कहा कि उनके खिलाफ मामला राजनीति से प्रेरित है और उनके खिलाफ पैसे का कोई मामला नहीं है। इस पर कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया साक्ष्यों के अनुसार संजय सिंह के खिलाफ मामला असली है और उपलब्ध साक्ष्य संजय सिंह की कथित मनी लॉन्ड्रिंग में संलिप्तता दर्शाते हैं। पेश किए गए सबूतों से पता चलता है कि संजय सिंह प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अपराध की आय से जुड़ी गतिविधियों में शामिल थे।
उपलब्ध सबूत यह मानने के लिए पर्याप्त आधार हैं कि संजय सिंह मनी लॉन्ड्रिंग के दोषी हैं। उपरोक्त साक्ष्य और सामग्री यह भरोसा करने के लिए पर्याप्त है कि संजय सिंह पीएमएलए की धारा 45 के तहत उक्त अपराध के ‘दोषी’ हैं। कोर्ट ने कहा कि पीएमएलए के तहत जमानत की शर्तें पूरी नहीं होती हैं। ये भी कहा कि ये भी कहा जा सकता है कि इस मामले में आरोपी को जमानत देने के लिए निर्धारित शर्तें पूरी नहीं होती हैं।
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी और उसके बाद रिमांड को चुनौती देने वाली संजय सिंह की याचिका खारिज कर दी थी। प्रवर्तन निदेशालय ने संजय सिंह को 4 अक्टूबर को दिल्ली में उनके घर की तलाशी के बाद गिरफ्तार किया था। उनके खिलाफ दायर पूरक आरोपपत्र में संजय सिंह को आरोपी बनाया गया है। आरोप पत्र में आरोप लगाया है कि संजय सिंह इस मामले में साजिश, मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य आरोपियों की मदद करने में शामिल थे।
जांच एजेंसी ने कहा था कि संजय सिंह रिश्वत वसूलने की साजिश का हिस्सा थे। ज्ञात हो संजय सिंह की जमानत याचिका खारिज होने से पहले आज ही दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत को बढ़ा दिया था।