अर्चना कुमारी। देश की राजधानी में धर्मांतरण का मामला तूल पकड़ लिया है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि धर्मांतरण कार्यक्रम के आयोजन करने वाले लोगों से भी पूछताछ की जाएगी। सूत्रों का दावा है कि आम आदमी पार्टी नेता और दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम से धर्मांतरण कार्यक्रम मामले में मंगलवार को पहाड़गंज थाने में करीब साढ़े तीन घंटे पूछताछ हुई।
वह दोपहर के समय अपने वकीलों के साथ थाने पहुंचे और उन्होंने पुलिस के सवालों का जवाब दिया। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी जांच को सामान्य बता रहे लेकिन उनका कहना था कि पूछताछ के दौरान यदि कोई संज्ञेय अपराध सामने आएगा तो पूर्व मंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के साथ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। गौतम से हुई पूछताछ में कार्यक्रम के आयोजन और आयोजकों के बारे में जानकारी प्राप्त की गई।
सूत्रों का कहना है कि पूर्व मंत्री ने पूछताछ में सहयोग किया और सफाई पेश की। आगे भी उन्होंने जांच में सहयोग करने का वादा किया । पुलिस जल्द ही कार्यक्रम के आयोजनकर्ताओं को भी थाने बुलाकर उनसे पूछताछ करेगी। पूर्व मंत्री गौतम नोटिस मिलने के बाद दोपहर करीब 2.20 बजे पहाड़गंज थाने पहुंचे। यहां पुलिस अधिकारियों ने उनका लिखित बयान लिया। उनसे पूछा गया कि किसके बुलावे पर वह पांच अक्तूबर को अंबेडकर भवन में आयोजित हुए कार्यक्रम में पहुंचे थे।
कार्यक्रम किसने आयोजित किया था। पूर्व मंत्री को पहले से पता था कि कार्यक्रम में क्या होने वाला है। सूत्रों का कहना है कि पूर्व मंत्री ने पुलिस से कहा है कि इस तरह का कार्यक्रम हर साल अंबेडकर भवन में होता रहता है। कार्यक्रम में न तो किसी की निंदा की गई और न ही किसी का अपमान किया गया। सिर्फ राजनीति करने के लिए यह सब हो रहा है। पुलिस की पूछताछ के बाद पूर्व मंत्री ने थाने में बिना वजह बिठाने का भी आरोप लगाया। उनका कहना था कि उनके बयान को पुलिस उपायुक्त को दिखाने की बात कर उनको कई घंटे थाने में रोककर रखा गया ।
गौरतलब है कि 5 अक्तूबर को पहाड़गंज, रानी झांसी रोड स्थित अंबेडकर भवन में बौध धर्म के कार्यक्रम में कुछ लोगों का धर्मांतरण कराकर उनको दीक्षा दिलाई गई थी। इस कार्यक्रम में हिंदू देवी-देवताओं की कथित तौर पर निंदा कर उनका न मानने की शपथ ली गई थी। कार्यक्रम में पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम मंच पर ही उपस्थित थे। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता की ओर से इस संबंध में दिल्ली पुलिस को शिकायत दी गई थी। विवाद सामने आने के बाद राजेंद्र पाल गौतम ने रविवार को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।