अर्चना कुमारी। संसद की सुरक्षा में सेंध के आरोपियों ने खुलासा किया है कि उन्होंने लोकसभा के कक्ष में कूदकर धुआं उड़ाने की योजना पर सहमति बनाने से पहले स्वयं को आग लगाने और पच्रे बांटने जैसे विकल्पों पर भी विचार किया था। मामले की जांच कर रहे दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता एवं सांसद प्रताप सिम्हा का बयान दर्ज करने की भी योजना है।
सदन के भीतर सुरक्षा में सेंध लगाने वाले दो पुरुषों को सिम्हा के जरिए पास मिला था। आरोपी सागर शर्मा और मनोरंजन डी शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए थे और उन्होंने ‘केन’ से पीली गैस उड़ाते हुए नारेबाजी की जिसके बाद सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया था। लगभग उसी समय संसद भवन के बाहर दो अन्य आरोपियों अमोलं और नीलम ने ‘केन’ से रंगीन धुआं फैलाते हुए ‘‘तानाशाही नहीं चलेगी’’ के नारे लगाए थे।
पांचवें आरोपी ललित झा ने परिसर के बाहर विरोध प्रदर्शन के वीडियो सोशल मीडिया पर कथित तौर पर प्रसारित किए। इस योजना को अंतिम रूप देने से पहले उन्होंने कुछ ऐसे तरीके तलाशे थे, जिनके जरिए वे प्रभावशाली तरीके से सरकार तक अपना संदेश पहुंचा सकें। आरोपियों ने सबसे पहले अपने शरीर को अग्निरोधक लेप से ढककर आत्मदाह करने पर विचार किया लेकिन फिर यह विचार त्याग दिया। उन्होंने संसद के अंदर पच्रे बांटने पर भी विचार किया, लेकिन आखिरकार संसद में धुआं फैलाने का विकल्प चुना।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि विशेष प्रकोष्ठ की ‘काउंटर इंटेलिजेंस टीम’ इस मामले के संबंध में मैसूर से भाजपा सांसद सिम्हा का बयान दर्ज करने की भी योजना बना रही है। सूत्रों ने बताया कि बच निकलने में झा की मदद करने के आरोपियों महेश और कैलाश को जांचकर्ताओं ने क्लीन चिट नहीं दी है। महेश के बाद कैलाश भी पकड़ा जा सकता है।