अर्चना कुमारी। भारत में यही हो जाए तो मुस्लिम आपा खो देंगे और देश झुलस जाएगा लेकिन सऊदी अरब में गाजा के लिए प्रार्थना करने वालों को जेल भेजना शुरू कर दिया है। हाल में ही एक ब्रिटिश एक्टर और प्रजेंटर इस्लाह अब्दुर-रहमान को मक्का में फिलिस्तीनी काफिया पहनने के आरोप में हिरासत में लिया गया। बाद में काफिया जब्त कर उन्हें रिहा किया गया। दरअसल सऊदी अरब ने अपने देश में गाजा के प्रति समर्थन दिखाने और फिलिस्तीन के लिए प्रार्थना करने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। इस्लाम के दो सबसे पवित्र स्थलों मक्का और मदीना से कई लोगों को हिरासत मे लिया गया है,जो प्रार्थना करने आए थे।
ब्रिटिश एक्टर और टीवी प्रजेंटर इस्लाह अब्दुर-रहमान का कहना है उनको मक्का में तीर्थयात्रा के दौरान फिलिस्तीनी केफियेह पहनने और फिलिस्तीनी रंग की तस्बीह ले जाने के लिए हिरासत में लिया गया था। उन्होंने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि मेरे सिर के चारों ओर एक सफेद काफिया (स्कार्फ) और मेरी कलाई के चारों ओर एक फिलिस्तीनी रंग की तस्बीह (माला) पहनने के कारण चार सैनिकों ने रोक दिया। मुझे एक पूछताछ के लिए एक दूसरी जगह लेकर ले गए।अब्दुर-रहमान ने बताया कि सऊदी सैनिकों का ध्यान स्पष्ट रूप से उसके स्कार्फ पर था, क्योंकि इसकी जांच करते समय उन्होंने बार-बार ‘फिलिस्तीनी काफिया’ का जिक्र किया था।
बाद में आखिरकार उसे रिहा कर दिया गया लेकिन काफिया न पहनने की चेतावनी दी गई थी। उन्होंने कहा, “आखिरकार, जब मुझे जाने दिया गया, तो एक वर्कर मेरे पास आया, मेरा काफिया उठाया और कहा, ‘यह अच्छा नहीं है, इजरायल-फिलिस्तीन अच्छा नहीं है, इसलिए इसे मत पहनो, इसकी अनुमति नहीं है।” काफिया को पीछे छोड़ने से पहले उन्होंने एक रिलीज फॉर्म पर हस्ताक्षर कराए और उनकी उंगलियों के निशान लिए।उन्होंने कहा कि इस धार्मिक यात्रा के दौरान के अनुभव ने उन्हें शुरू में डरा दिया और फिर उनका दिल टूट गया। उन्होंने कहा कि फिलिस्तीनी दिन रात जो सहते हैं, उसके प्रति वो सहानुभूति रखते हैं।
यह घटना गाजा में चल रही हिंसा के बीच हुई, जिसमें इजरायली हमलों में 4,000 से अधिक बच्चों सहित 11,000 से अधिक फिलिस्तीनी नागरिकों की मौतें हुईं हैं। अब्दुर-रहमान ने अपनी निराशा व्यक्त की, विशेषकर एक पूजा स्थल के संदर्भ में। उन्होंने फिलिस्तीनियों की दुर्दशा और उनकी आवाज की कमी को उजागर करने के लिए इंस्टाग्राम पर अपना अनुभव साझा किया।इसके बाद से ही अब्दुर-रहमान को सोशल मीडिया पर कई सऊदी अरब के नागरिक नफरत भरे संदेश भेज रहे हैं।
इसी तरह की कई और घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं। कुछ दिनों पहले फिलिस्तीनियों के लिए प्रार्थना करने पर सऊदी अरब में एक अल्जीरियाई व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया था। उस अल्जीरियाई नागरिक को छह घंटे तक हिरासत में रखा गया और पूछताछ की गई।
बाद में गाजा के लिए उसकी प्रार्थना वाले वीडियो को हटाने के लिए उसका फोन जब्त कर लिया गया।ज्ञात हो इजरायल और हमास के बीच संघर्ष से सऊदी अरब अलग है और उसने पार्थना को लेकर हिरासत में मुस्लिमों को लेने का फैसला किया,उससे भारत के मुस्लिमों को सीख लेनी चाहिए