अर्चना कुमारी। हरियाणा के मेवात क्षेत्र में फैली हिंसा के दौरान होमगार्ड जवान नीरज और गुरसेवक की मौत हो गई थी। इसके अलावा इस घटना में बजरंग दल कार्यकर्ता अभिषेक राजपूत तथा एक मिठाई दुकानदार शक्ति सिंह सैनी की हत्या कर दी गई जबकि गुरुग्राम के एक मस्जिद के इमाम मोहम्मद साद की भी मौत हो गई ।
पुलिस सूत्रों का कहना है इस हिंसा में कई अन्य जख्मी हुए ,जिनका विभिन्न अस्पतालों में उपचार चल रहा है। इनमें आम व्यक्तियों के अलावा कुछ पुलिसकर्मी आदि भी शामिल है। स्थानीय लोगों का कहना है कि हिंसा में जिहादियों द्वारा हमारे सनातनी भाई शक्ति सिंह की हत्या कर दी गई। 4 बच्चों का पालन पोषण करने वाले शक्ति सिंह को सिर्फ इसलिए मार दिया क्योंकि वो हिन्दू थे।
जबकि वह न शोभा यात्रा में गए थे न किसी संगठन का हिस्सा थे। बताया जाता है कि शक्ति सिंह हर रोज की तरह हलवाई की दुकान पर काम करके अपने घर के लिए निकले तो इन्होंने उम्मीद भी नहीं किया होगा कि वह अपने घर कभी नहीं लौट पाएंगे। दंगाइयों ने उन्हें पकड़ लिया और मौत के घाट उतार दिया। एक स्थानीय नागरिक ने बताया कि शक्ति सिंह एक आम इंसान थे, जो हलवाई की दुकान पर काम करके अपने परिवार का भरण पोषण करते थे लेकिन जिहादियों ने उन्हें घर वापस जाने से पहले ही रास्ते में दबोच लिया और पीट-पीटकर मार डाला।
इतना ही नहीं उनके शव को सड़क किनारे झाड़ियों में फेंक दिया, जहां पुलिस को देर रात उनका शव प्राप्त हुआ, परिवार रो रोकर एक ही सवाल पूछ रहा हैं कि आखिर उसका गलती क्या था?। इसी तरह गुरुग्राम में फैले हिंसा में मोहम्मद साद की मौत हो गई जो बिहार के सीतामढ़ी का रहने वाला था। मृतक 7 भाई बहनों में अविवाहित था और उसके मौत की खबर से पैतृक गांव में सन्नाटा पसरा है।
उसका पैतृक गांव सीतामढ़ी थाना अंतर्गत नानपुर प्रखंड के पंडाल बुजुर्ग पंचायत के मनिहारी गांव में है। उसके पिता का नाम मोहम्मद मुस्ताक उर्फ लड्डू है और उन्होंने स्थानीय पुलिस को बताया है कि उनका बेटा 1 अगस्त को गांव आने वाला था लेकिन उसकी मौत की खबर पर सूचना पाकर वह बेहद दुखी है। उसका डेड बॉडी एंबुलेंस के जरिए बिहार लाया जा रहा है। इसी तरह इस हिंसा में जान देने वाले नीरज और गुरसेवक को हरियाणा सरकार ने 57-57 लाख मुआवजा देने की घोषणा की है।