अपनी बात कहने के लिए टि्वटर एक सशक्त माध्यम है लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट में ट्विटर इंडिया के खिलाफ एक याचिका दायर की गई है जिसमें कहा गया है कि ट्विटर इंडिया के प्रतिनिधि खालिस्तान आंदोलन को प्रमोट करने की साजिश को अंजाम दे रहे हैं।
इस याचिका में ट्विटर इंडिया के अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की गई है। इस मामले पर 30 सितंबर को जस्टिस हीमा कोहली की अध्यक्षता वाली बेंच सुनवाई करेगी।
ट्यूटर इंडिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका संगीता शर्मा ने दायर की है। उन्होंने याचिका में कहा है कि ट्विटर इंडिया खालिस्तान आंदोलन को बढ़ावा देने और राष्ट्रविरोधी एजेंडा के साथ काम कर रही है। इस पर नकेल कसने के कोई इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं।
याचिका में कहा गया है कि ट्विटर अधिकारियों राहिल खुर्शीद और महिमा कौल के खिलाफ यूएपीए की धारा 107, 121ए, 124ए, 153ए, 153बी, भारतीय दंड संहिता की धारा 34 और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की धारा 66एफ के तहत केस दर्ज की जाए। याचिका में इस बात का उल्लेख है कि ट्विटर इंडिया समेत सोशल मीडिया के कंटेंट को रेगुलेट करने का कोई मेकेनिज्म नहीं होने की वजह से इनका इस्तेमाल अलगाववादी ताकतें निरंतर कर रही हैं और इन अलगाववादी ताकतों की वजह से समाज के कुछ तबकों में भय का माहौल पैदा हो गया है।
दावा किया गया है कि ये अलगाववादी ताकतें देश की एकता, अखंडता और सार्वभौमिकता को लगातार चुनौती दे रही हैं। याचिका में ट्विटर इंडिया पर आरोप लगाया गया है कि ये अलगाववादी ताकतों की ओर से चलाए जा रहे विज्ञापनों के लिए पैसे कबूल कर उनके मंसूबों को शह दे रहा है।
याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि कुछ दिनों पहले सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने इस मुद्दे को संसद में भी उठाया था। याचिकाकर्ता ने हैरानी जताई है कि इसके बावजूद ट्विटर ने कोई कार्रवाई नहीं की। स्पष्ट है कि ट्विटर इंडिया का प्रबंधन निष्पक्ष नहीं है और वर्तमान सरकार के खिलाफ भी वह एकतरफा प्रचार कर रही है।
याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट के माध्यम से ट्यूटर इंडिया से जुड़े इन सारे मामलों की जांच एनआईए से कराए जाने की गुहार लगाई है।
वैसे यह सौ फ़ीसदी सच है कि अब सोशल मीडिया के जरिए आतंकी संगठन नए रंगरूट का न केवल ब्रेनवाश कर रहे हैं, बल्कि उन्हें बड़े पैमाने पर भर्ती भी किया जा रहा है। आतंकी संगठन फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम ट्यूटर आदि पर बम बांधने से लेकर सुसाइड जैकेट बनाने आदि तक की ट्रेनिंग दे रहे हैं।
ज्ञात हो कि अभी हाल में ही दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के द्वारा पकड़े गए आईएसआईएस आतंकी मुस्तकीम खान ने भी खुलासा किया था कि वह किस तरह सोशल मीडिया के जरिए आईएस के खूंखार कमांडर यूसुफ अल हिंदी और अबू हुजैफा के संपर्क में आकर देश को दहलाने के लिए निकला था। राष्ट्र विरोधी सोच रखने वाले आतंकी ग्रुप अक्सर सोशल मीडिया के जरिए ही अपना प्रचार प्रसार करते हैं और भ्रमित युवाओं को बरगला कर अपने संगठन में भर्ती करते रहते हैं।
खालिस्तान आंदोलन से जुड़े आतंकी हो या फिर इस्लामिक आतंकी दोनों ही ग्रुप सोशल मीडिया का जमकर दुरुपयोग कर रहे हैं।