अर्चना कुमारी ऊधम सिंह नगर स्थित गुरूद्वारा श्री नानकमत्ता के डेरा प्रमुख हत्याकांड में दो और प्रमुख साजिशकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया।
दोनों को नेपाल बार्डर और हरियाणा से गिरफ्तार किया गया है। ऊधम सिंह नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मंजूनाथ टीसी ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि हत्याकांड में शूटर सर्वजीत सिंह के अलावा शातिर अपराधी सतनाम सिंह निवासी कुईया महोलिया, थाना बंडा, रामपुर, उत्तर प्रदेश और सुल्तान सिंह निवासी गदा फार्म, बिलासपुर, जिला रामपुर, उप्र वांछित थे। तीनों फरार थे।
पुलिस टीमों को शुक्रवार को बड़ी सफलता हाथ लगी। इनमे सतनाम सिंह और सुल्तान सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। सतनाम सिंह नेपाल भागने की फिराक में था। उसे नेपाल बार्डर से सटे लखीमपुर खीरी के गौरी फंटा से जबकि सुल्तान सिंह को हरियाणा के पिलूखेड़ा से गिरफ्तार किया गया।
दोनों आरोपी प्रमुख षड्यांकारी हैं। सुल्तान सिंह ने हत्या की पूरी साजिश रची। हत्या के लिये शूटरों को पैसे और हथियार मुहैया कराये। आरोपी के शूटर अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू उर्फ गंडा से सीधे जुड़ा था। हत्याकांड के बाद आरोपी ने शूटरों को भगाने में पूरी मदद की।
एसएसपी मंजूनाथ ने आगे बताया कि सतनाम सिंह भी सह अभियुक्तों दिलबाग, बलकार परगट सिंह व हर¨वदर उर्फ ¨पदी के साथ डेरा प्रमुख की हत्या की साजिश में शामिल रहा है। आरोपी ने हत्याकांड को अंजाम तक पहुंचाने के लिये आवास विकास स्थित गुरूद्वारा और दिलबाग के घर पर बैठक कर विस्तृत योजना तैयार की।
हत्याकांड बड़ी साजिश का हिस्सा है। हत्याकांड का षड्यां कई महीने पहले बनाया गया। इसके पीछे नामी लोगों का हाथ है। पूरे साजिश के पीछे तराई के गुरूद्वारों पर वर्चस्व कायम करने की मंशा रही है। पुलिस अभी तक नौ साजिशकर्ताओं को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
गौरतलब है कि गुरूद्वारा श्री नानकमत्ता साहिब के डेरा प्रमुख तरसेम सिंह की विगत 28 मार्च को भाड़े के दो शूटरों ने हत्या कर दी थी। भाड़े के शूटर पंजाब से लाये गये थे। हत्या के लिये 10 लाख की सुपारी दी गयी थी। हत्यारे कई दिनों तक डेरा की सराय में रूके रहे और पूरी रेकी करने के बाद गुरूद्वारा परिसर में बाबा की हत्या कर दी।
विगत नौ अप्रैल को भाड़े का एक शूटर अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू उर्फ गंडा एसटीएफ के साथ हरिद्वार में मुठभेड़ में मारा गया था जबकि दूसरा सर्वजीत सिंह फरार है।