अर्चना कुमारी। मेहताब हाशमी कलेक्टर बनने का सपना सपने में देखा था लेकिन इसके लिए पढ़ाई का उससे दूर दूर तक वास्ता नहीं था। एक दिन ऐसा भी वक्त आया जब उसे गलत संगत में आकर ऑनलाइन जुआ खेलने की लत पड़ गई । एक दिन उसने सोची समझी साजिश के तहत फिरौती के लिए खुद के ही अपहरण की झूठी कहानी रच डाली लेकिन उसकी जांच के दौरान कलई खुल गई और उसे धर दबोचा गया ।
बिहार के चंपारन निवासी मेहताब हाश्मी (20) दिल्ली के पास कॉलोनी राजेंद्र नगर में रहता था । जुए में रकम हारने के बाद आरोपी ने अपने ही अपहरण की झूठी साजिश रचकर परिवार से 20 लाख की डिमांड की। इतना ही नहीं आरोपी ने परिवार को यकीन दिलवाने के लिए मां के पास खुद का रोते हुए वीडियो बनाकर व्हाट्सएप किया। वीडियो में मां से रुपये देकर छुड़ाने की गुहार भी लगाई। लेकिन पुलिस ने इस पूरे नाटक से पर्दा उठाकर आरोपी की साजिश से पर्दा उठा दिया।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि आठ जनवरी को बिहार के चंपारन निवासी मोहम्मद अजीजुल हक दिल्ली के मध्य जिला अंतर्गत राजेंद्र नगर थाने पहुंचे और उन्होंने फिरौती के लिए बेटे के अगवा होने की शिकायत दी। उनका कहना था कि वह केरल में एक मस्जिद में सुरक्षा गार्ड की नौकरी करते हैं। उनका बेटा मेहताब 12वीं पास करने के बाद दिल्ली आ गया था।
यहां वह ग्रेजुएशन करने के अलावा सिविल सर्विस की तैयारी कर रहा है। उसने आगे बताया कि उनके बेटे ने खुद के वजीराबाद में रहने और राजेंद्र नगर के एक नामी यूपीएससी संस्थान में कोचिंग की बात की थी। इस बीच छह जनवरी को मेहताब की मां के मोबाइल पर एक वीडियो आया, जिसमें वह रोता हुआ रुपये देने की बात कर रहा है।
मेहताब के ही नंबर से आरोपियों ने मैसेज कर बताया कि उन्होंने उसका अपहरण कर लिया गया है। जबकि यदि 20 लाख रुपये नहीं दिए गए तो मेहताब को मार दिया जाएगा। परिवार से रुपयों की डिमांड की गई। अजीजुल रुपये देने के लिए तैयार हो गए। बातचीत के बाद सौदा 10 लाख में तय हो गया। रुपये देने की बात कर अजीजुल दिल्ली आ गए और उन्होंने पुलिस से शिकायत दी।
इस जानकारी पर पुलिस ने मामला दर्ज किया और जांच शुरू कर दी। बताया जाता है कि अजीजुल को न तो बेटे के रहने वाले कमरे का पता नहीं था और न ही उस संस्थान का पता था जहां से वह सिविल सर्विस की तैयारी कर रहा था। पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस की मदद से जांच की तो पता चला कि मेहताब की लोकेशन वजीराबाद इलाके की है।
पुलिस ने छानबीन के बाद आरोपी को दबोच लिया। पूछताछ के दौरान उसने खुद के झूठे अपहरण की कहानी बताई। मेहताब ने बताया कि उसे ऑन लाइन सट्टा खेलने की आदात लग गई थी। जुए में मोटी रकम हारने के लिए उसने परिवार से ही रकम ऐंठने की कोशिश की। जांच के दौरान पुलिस को यह भी पता चला है कि आरोपी न तो यहां कोई कोचिंग कर रहा था और न ही ग्रेजुएशन कर रहा था। इस तरह शातिर मेहताब हाशमी की कलाई खुलते ही वह जेल पहुंच गया