अर्चना कुमारी मुझे गोली मार दो, लेकिन मेरा अस्थाई आशियाना मत छीनो। ये कहना है हिंदू शरणाथी का, जो दिल्ली में रह रहे है।
केंद्र और दिल्ली सरकार की हिन्दुओं के प्रति घृणा इस कदर भरी हुई है की मजनू के टिले पर बसे हुए पाकिस्तान से आए शरणार्थी हिन्दुओं को उजाड़ने के लिए नोटिस दिया गया है।
जहां एक ओर देश में लाखों की तादाद में रोहिंग्या और बांग्लादेशी अवैध रूप से रह रहे है, वहीं दूसरी ओर डीडीए दिल्ली के ‘मजनू का टीला’ से हजारों हिंदू पाकिस्तानियों को हटाया जा रहा है।
यहां कई हिंदू पाकिस्तानी परिवारों के लोग है। उन्होंने धर्म की रक्षा के लिए पाकिस्तान छोड़ दिया लेकिन शर्म की बात है की अबतक उनके पास रहने के लिए कोई पक्का जगह नहीं है। किसी तरह जीवन यापन कर रहे दिल्ली में पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी परिवारों पर अचानक संकट बढ़ गया है।
क्योंकि हिंदू शरणार्थियों के घरों को तोड़ने का आदेश दिया गया है। दिल्ली विकास प्राधिकरण की ओर से इन लोगो को एक नोटिस दिया गया है।
जिस में लिखा गया है कि सर्व साधारण को सूचित किया जाता है कि माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण के वाद संख्या 06/2012 में दिनांक 13/01/2015 को दिल्ली विकास प्राधिकरण को यमुना बाढ क्षेत्र से सभी अतिक्रमण को हटाए जाने के आदेश दिए गए हैं।
आगे लिखा है कि इसके अनुपालन में दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा दिनांक 07/03/2024 और 08/03/2024 को यमुना बाढ क्षेत्र में दक्षिण के गुरुद्वारा “मजनू का टीला” के पास पश्चिमी बैंक में स्थित सभी झुग्गी झोपडी इत्यादि अतिक्रमण को हटाया जाना है।
माननीय उच्च न्यायालय दिल्ली के वाद संख्या 6779/2021 शकरपुर स्लम यूनियन बनाम दिल्ली विकास प्राधिकरण एवं अन्य में दिनांक 02/08/2022 के आदेशानुसार प्रभावित परिवार दिल्ली आश्रय सुधार बोर्ड के निम्नलिखित रैन बसेरो मे अस्थायी निवास का लाभ उठा सकते है।
लेकिन यहां शरणार्थी जाना नही चाहते। इन लोगो को द्वारका और गीता कॉलनी जाने को कहा गया है।
डीडीए की तरफ से निवासियो से अनुरोध किया गया है कि दिनांक 06/03/2024 तक उपरोक्त स्थान को खाली कर दें, अन्यथा दिनांक 07/03/2024 और उसके बाद होने वाली अतिक्रमण विरुद्ध कार्यवाही में होने वाले नुकसान के उत्तरदायी आप स्वंय होंगे।
इसको लेकर हिंदू शरणार्थी महिलाओं ने कहा कि हम लोग पाकिस्तान से सब कुछ छोड़ कर आए ताकि मेरा धर्म बचा रहे। लेकिन यहा के सरकार ने मुझे रहने भी नहीं दे रहे है। ना कोई सुविधा दे रहे है।
नोटिस से मजनू टीला क्षेत्र में यमुना किनारे बसे पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों को अब बेघर होने का डर सताने लगा है। क्योंकि दिल्ली विकास प्राधिकरण की तरफ से नोटिस जारी कर क्षेत्र में फैले अतिक्रमण को हटाने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
जिसको लेकर पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी कैंप में रहने वाले लोग अब चिंतित नजर आ रहे हैं। हिंदू शरणार्थियों की सरकार से मांग हैं कि अब उन्हें यहां से बेघर न किया जाए।
हालांकि उनके समर्थन में कई हिंदू वाहिनी नेता और जैन समाज से साध्वी भी पहुंची थी। पाकिस्तान के सिंध से आए हिंदू पाकिस्तानी शरणार्थियों ने यहां पनाह ली थी। जिसके बाद काफी वर्षों तक वह सरकार से मूलभूत सुविधाओं की मांग करते रहे। वहीं बीच-बीच में इन पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों ने भारत सरकार से भारतीय नागरिकता की भी मांग की है।
जिससे कि वह यहां की सरकार पर बोझ न बने और खुद अपनी मेहनत से कमाई हुई रोजी रोटी से अपने परिवार का गुजारा कर सके। इस बारे में डीडीए का कहना है यमुना किनारे अवैध रूप से बसे पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी कैंप से फैले अतिक्रमण को हटाया जाए क्योंकि यहां रहने वाले लोग हमेशा खतरे के साए में रहते हैं।
बीते कुछ महीने पहले यमुना उफान पर होने के चलते यह इलाका भी जल मग्न हो चुका था। जिसके चलते सरकार को भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा था। इसको देखते हुए दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना की तरफ से दिशा निर्देश जारी किए गए।
हिंदू शरणार्थी पाकिस्तानी कैंप को हटाने को कहा गया है। हालांकि यहां से इन्हें हटाकर दिल्ली के द्वारका इलाके में बने रैन बसेरे में शिफ्ट किया जाएगा। जहां उन्हें सरकार की तरफ से तमाम तरह की मूलभूत सुविधाएं दी जाएंगी। मगर अब यहां रहने वाले पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों को यहां से बेघर होने का डर सताने लगा है।
इन लोगों की चिंताएं बच्चों की शिक्षा व्यवस्था और अपने रोजगार की भी बढ़ती हुई नजर आ रही है।