आईएसडी नेटवर्क। अभिनेत्री पायल घोष को फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाए एक सप्ताह हो चुका है लेकिन अब तक मुंबई पुलिस ने इस बारे में कोई कार्रवाई नहीं की है। कोई कार्रवाई न होते देख पायल ने चेतावनी दी है कि वे न्याय पाने के लिए भूख हड़ताल करने जा रही है। उनको इस मामले को लेकर कई बार वर्सोवा थाने पर पूछताछ के लिए तलब किया गया है लेकिन अनुराग कश्यप से अब तक एक प्रश्न भी नहीं पूछा गया है। इस पक्षपाती रवैये की सोशल मीडिया पर बहुत आलोचना हो रही है। पायल घोष के समर्थन में सैकड़ों लोग जुड़ते जा रहे हैं।
पायल घोष की गंभीर शिकायत पर एक सप्ताह में भी कार्रवाई न होना दर्शा रहा है कि अनुराग कश्यप को मुंबई पुलिस बचाने की कोशिश कर रही है। मुंबई पुलिस निश्चित ही इस मामले को लेकर राज्य सरकार के दबाव में है। पायल का कहना है कि उन्हें शिकायत करने के लिए अपराधी की तरह महसूस करवाया जा रहा है।
आरोपी घर में मज़े से बैठा है और पुलिस मुझे बार-बार बुलाकर पूछताछ कर रही है। पायल ने कहा मुझे अब घर से निकलने में डर लगने लगा है। उन्होंने कहा मेरी हत्या हो सकती है, इस कारण से मैं एक सप्ताह से घर से बाहर नहीं निकली हूँ। रविवार को पायल ने देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से न्याय दिलवाने की मांग की है।
उन्होंने अपने ट्वीटर अकाउंट से नरेंद्र मोदी और अमित शाह को लिखा ‘मैंने एक अपराधी के खिलाफ मामला दर्ज किया है जो दूसरे लोग भी यही धारणा रखते हैं और मुझे ही लपेटे में लिया जा रहा है, मुझसे ही सवाल किए जा रहे हैं। जबकि आरोपी घर पर बैठकर आराम कर रहा है। क्या मुझे न्याय मिलेगा। उन्होंने इस मामले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के रवैये की भी आलोचना की है।
पायल ने 22 सितंबर को अनुराग कश्यप के खिलाफ वर्सोवा पुलिस थाना पर शिकायत दर्ज करवाई थी। अनुराग के खिलाफ दुष्कर्म, गलत इरादे से रोकना और महिला का अपमान करने की धाराओं में प्रकरण दर्ज हुआ है।
सूत्रों के मुताबिक पायल घोष अनुराग की गिरफ्तारी की मांग को लेकर भूख हड़ताल शुरु कर सकती है। ऐसे में एक बार फिर महाराष्ट्र सरकार का तानाशाही वाला रवैया सामने आ सकता है, जैसे उसने कंगना रनौत का ऑफिस गिराकर किया था।
उल्लेखनीय है कि पायल ने अपनी एफआईआर में अनुराग कश्यप पर आरोप लगाया था कि अनुराग ने सन 2013 में वर्सोवा के किसी स्थान पर उनके साथ दुष्कर्म किया था। रिया चक्रवर्ती और दीपिका पादुकोण को तगड़ी सिक्योरिटी देने वाली उद्धव सरकार पायल घोष के मुद्दे पर मौन है और महाराष्ट्र के नागरिकों को ये बात हजम नहीं हो पा रही है।