आयकर विभाग के छापे के दौरान स्वराज पार्टी के संस्थापक योगेंद्र यादव के परिवारवालों के घर से जो नकदी और दस्तावेज मिले हैं वे चौंकाने वाले हैं। आयकर विभाग ने दावा किया है कि छापेमारी के दौरान उनके घर से 20 लाख रुपये नकद और पीएनबी घोटाले के भगोड़ा नीरव मोदी से नकद देकर ज्वैलरी खरीदने के दस्तावेज मिले हैं। खास बात यह है कि योगेंद्र यादव के दोनों बहनों के खिलाफ हुई कार्रवाई नीरव मोदी ग्रुप से मिली सूचना के आधार पर की गई है।
मुख्य बिंदु
* आयकर विभाग ने योगेंद्र यादव के परिवारवालों के घर से छापेमारी के दौरान 20 लाख रुपये नकद जब्त करने का किया दावा
* आयकर अधिकारियों के मुताबिक योगेंद्र यादव के दोनों बहनों के खिलाफ कार्रवाई नीरव मोदी ग्रुप से मिली सूचना पर की गई है
आयकर विभाग के इस कार्रवाई को योगेंद्र यादव ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार ने यह कार्रवाई उन्हें डराने के लिए की है। वैसे भी योगेंद्र यादव के बारे में कहा जाता है कि वह दिखावा करने में माहिर है। उनकी देह की भाषा तक दिखावटी लगती है। एक कहावत है अति विनीत धूर्त लक्षण, यह संस्कृत कहावत स्वराज पार्टी के संस्थापक सदस्य योगेंद्र यादव को देखकर ही बनी होगी, क्योंकि यह उनसे ज्यादा किसी और पर फिट नहीं बैठ सकती। उनका सार्वजनिक रूप और निजी रूप काफी भिन्न हैं। सार्वजनिक रूप में भले ही मुंह बिदाड़ते रहे हैं, लेकिन निजी रूप में बड़ कठोर दिखते है। तभी तो परिवारवालों पर आयकर विभाग के छापे के बाद उन्होंने जो बयान दिया है वह उन्हें बगुला भगत साबित करता है।
योगेंद्र ने कहा है कि सरकार ने उन्हें डराने के लिए उनके परिवार के खिराफ कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करे उनकी करनी की सजा उनके परिवारवालों को न दे। अब जब आयकर विभाग के पास उनके परिवारवालों के खिलाफ कई सबूत हाथ लग गए हैं तब योगेंद्र जी से पूछा जाना चाहिए कि गलती करे कोई और भरे कोई, ये कहां की नैतिकता है। अगर गलती उनके परिवारवालों ने की है तो कार्रवाई जांच एजेंसियां उनके खिलाफ कैसे कर सकती है? इससे तो साफ हो गया है कि जांच एजेंसियां प्रतिशोध के तहत कोई काम नहीं करती है। वह उसी के खिलाफ कार्रवाई करती है जो गतल होता है।
आयकर विभाग ने हरियाणा के रेवाड़ी में स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव के दोनों बहनों के अस्पताल समूह के विभिन्न परिसरों से करीब 20 लाख रुपये नकद बरामद किये हैं। इसके साथ ही यह भी पता चला है कि अस्पताल समूह ने गहने खरीदने के लिए नीरव मोदी की फर्म को नकद भुगतान किया था। आयकर विभाग के अधिकारियों के अनुसार कलावती अस्पताल कम नर्सिंग होम योगेंद्र यादव की बड़ी बहन नीलम यादव चलाती है और कमला नर्सिंग होम उनकी दूसरी बहन पूनम चलाती है। इसके मुख्य साझेदार डॉ. गौतम यादव। बताया जा रहा है कि गौतम यादव उनकी बड़ी बहन नीलम का बेटा है। तीन परिसरों की तलाशी आयकर विभाग की हरियाणा जांच शाखा की टीम ने की है। आयकर अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई नीरव मोदी ग्रुप से मिली सूचनाओं के आधार पर की गई है।
अब योगेंद्र यादव को बताना चाहिए कि उनके परिवारवालों का भगोड़ा नीरव मोदी के फर्म से क्या रिश्ता है… योगेंद्र यादव के सामने सच बोलने का दिखावा करने का समय नहीं रहा अब सच बोलने का समय है। इसलिए योगेंद्र यादव को चाहिए कि अपना दैहिक नाटक छोड़े और सच का सामना करते हुए देश के लोगों को बताएं कि उनके परिवारवालों का नीरव मोदी के साथ क्या रिश्ता है। अन्यथा अनर्गल प्रलाप बंद करें। वैसे भी उनका प्रलाप हमेशा अनर्गल और झूठ ही लगता है।
URL: Yogendra Yadav’s sister raided after information received from Nirav Modi Group
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