अर्चना कुमारी। संसद सुरक्षा केस स्पेशल सेल को ट्रांसफ़र किया गया है और इस मामले में प्राथमिकी स्पेशल सेल ने दर्ज किया है। अब स्पेशल सेल एंटी नेशनल एक्टिविटी के एंगल से केस की जाँच कर रही है। सूत्रों ने बताया मास्टरमाइंड ललित झा अब तक नहीं पकड़ा गया है और उसकी अंतिम लोकेशन राजस्थान थी। खुलासा हुआ है संसद भवन के अंदर और बाहर साजिश रचने वाले आरोपियों की मुलाकात हुई थी चंडीगढ़ में और भगत सिंह एयरपोर्ट के मसले पर हुए धरना प्रदर्शन के दौरान सभी एक दूसरे से परिचित हुए थे। वैसे सभी सभी सोशल मीडिया के जरिए एक दूसरे के नजदीक आए ।
खुलासा हुआ है सभी अक्सर विशाल के गुरुग्राम स्थित आवास में मिलते थे और यही टिकते थे। बुधवार देर रात को विशाल और उसकी पत्नी वृंदा शर्मा को पकड़ लिया था।सभी आरोपियों ने बताया महंगाई ,बेरोजगारी, किसानों की मांग, अग्निवीर और वन रैंक वन पेंशन के मसले के मुद्दे को फिर से उठाना चाहते थे। इस वजह से संसद के बाहर और भीतर विरोध प्रदर्शन किया था। हालांकि इनके पीछे कौन है और किसके इशारे पर इस तरह का कृत्य किया गया। इसकी जांच जारी है। इन सभी आरोपियों के पीछे कहीं कोई राजनीतिक संरक्षण तो नहीं? इस मामले की भी हो रही है तफ्तीश और स्पेशल सेल इसलिए आरोपी ललित झा को तलाश रही है। इस बीच लोकसभा सचिवालय ने कल की सुरक्षा चूक की घटना के लिए 7 कर्मियों को निलंबित किया है।
सूत्रों ने बताया अभी तक किसी भी संगठन ने इस कृत्य की जिम्मेदारी नहीं ली है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि सभी आरोपी एक सोशल मीडिया पेज ‘भगत सिंह फैन क्लब’ से जुड़े थे। “लगभग डेढ़ साल पहले सभी लोग मैसूर में मिले थे। 10 दिसंबर को एक-एक करके सभी अपने-अपने राज्यों से दिल्ली पहुंचे। वे इंडिया गेट के पास इकट्ठा हुए, इसके बाद स्मोक केन बांटे गए । सूत्रों ने कहा, ”इस घटना को एक सोची-समझी साजिश के तौर पर देखा जा रहा है।
लेकिन आरोपी ललित ने अपनी पहचान हमेशा गुप्त रखी। थीं। खुलासा हुआ आरोपी ललित ने संसद में मची अफरा-तफरी की एक वीडियो एक एनजीओ के संस्थापक नीलाक्ष आइच को भेजी थी। इस मामले पर नीलाक्ष आइच ने कहा,”ललित ने कभी अपने ठिकाने के बारे में नहीं बताया और कहा कि आरोपी ने हमेशा अपनी जानकारी खुफिया रखी।पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में आदिवासी शिक्षा पर काम करने वाला एक एनजीओ चलाने वाले नीलाक्ष आइच ने कहा कि आरोपी ललित झा, भगत सिंह फैन क्लब का महासचिव था।
इस बीच पुलिस आरोपियों के खिलाफ इन धाराओं के तहत मामला दर्ज इससे पहले, संसद सुरक्षा उल्लंघन की घटना में आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की कई प्रासंगिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), 452 (अतिक्रमण), धारा 153 (केवल दंगा भड़काने के इरादे से उकसाना), 186 (सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में लोक सेवक को बाधा पहुंचाना), 353 (हमला या आपराधिक बल) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
आरोपियों के खिलाफ यूएपीए के तहत, पार्लियामेंट स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में धारा 16 और 18 के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। एक एनजीओ के संस्थापक निलाक्षा आइच ने बताया कि उन्हें फरार आरोपी ललित झा ने संसद सुरक्षा उल्लंघन का एक वीडियो भेजा था। उन्होंने कहा कि आरोपी ने कभी भी अपने ठिकानों के बारे में उन्हें नहीं बताया था। एनजीओ पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में आदिवासियों को शिक्षा देने में मदद करती है। आरोपी ललित झा इस एनजीओ का महासचिव था।