अर्चना कुमारी। देश की राजधानी में आजादी का अमृत महोत्सव मनाए जाने के लिए सुरक्षा चाक-चौबंद का दावा किया जा रहा है लेकिन उस समय सनसनी मच गई जब दो लोगो को चेकिंग के दौरान रोका गया और उनसे 2251 कारतूस जप्त किए गए। हैरानी की बात यह है कि 75 में आजादी महोत्सव से पहले इतना बड़ा जखीरा दिल्ली में आखिरकार क्यों लाया गया। वैसे पुलिस का दावा है कि उत्तराखंड से एक हथियार सप्लायर इसको गैंगस्टर को बेचने के लिए भेजा था हालांकि यह कहना अभी जल्दबाजी होगी इसका इस्तेमाल आतंकी वारदातों में भी किया जाना था। दरअसल ,एक चौकस ऑटो ड्राइवर के सुराग दिए जाने के बाद पुलिस ने मामले की तहकीकात की, जिसके बाद कुल 6 आरोपी गिरफ्तार किए गए ।
ऑटो ड्राइवर ने सूचना दी कि उसने सुबह-सुबह दो लोगों को आनंद विहार छोड़ा है। जिनके पास बड़े-बड़े बैग हैं और देखने में कुछ संदेहास्पद लग रहा था। इसकी सूचना मिलते ही हेडकांस्टेबल विक्रांत और कॉन्स्टेबल रोहित वहां पहुंचे और उन्होंने उन दोनों को दबोचा। जिस बैग को लेकर वह जा रहे थे, उसमें जब तलाशी ली गई तो 2251 गोलियां मिली। दोनों की पहचान राशिद और अजमल के रूप में की गई। फिर पुलिस कर्मियों ने इस मामले की सूचना पुलिस के आला अधिकारियों को दी और उस मामले में फिर आगे की पूछताछ की गई तो एक एक करके चार और लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया।
जिनमें जौनपुर से सद्दाम को गिरफ्तार किया गया और देहरादून से गन हाउस के ऑनर परीक्षित नेगी को भी पकड़ा गया। जांच में पता चला है कि यह कारतूस गन हाउस के जरिए आगे तक पहुंचता था। जो गोलियां बरामद की गई है, वह हाई क्वालिटी के राइफल के अंदर यूज करने वाली है। इसके अलावा देसी कट्टा और दूसरे राइफल में भी यूज की जाती हैं। अवैध गोला-बारूद के स्रोत का पता लगाने के लिए एक अन्य टीम को देहरादून, उत्तराखंड भेजा गया।
देहरादून में गन हाउस चलाने वाले परीक्षित नेगी नाम के एक आरोपी का कहना था कि उसने उत्तराखंड के कई गन हाउसों के साथ-साथ अन्य स्रोतों से गोला-बारूद खरीदा था और अपने गन हाउस के रिकॉर्ड में हेरफेर करने के बाद गोला-बारूद की आपूर्ति की। उसने यह भी खुलासा किया कि वह हथियारों और गोला-बारूद की इस तरह की अवैध तस्करी में अक्सर शामिल रहा है और पहले भी 4-5 बार एक ही व्यक्ति को गोला-बारूद की आपूर्ति कर चुका है। आरोपी परीक्षित नेगी के बयान के मुताबिक, वह पहले ही एक ही सिंडिकेट को अलग-अलग जगहों पर हजारों कारतूस सप्लाई कर चुका था। आगे की जांच के दौरान, गिरोह के तीन और सदस्यों की पहचान की गई और टीमों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार :
अब तक कुल 06 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सभी आरोपितों का विवरण इस प्रकार है-
- अजमल निवासी ग्राम-सुता कलां, जौनपुर, उत्तर प्रदेश, आयु- 20 वर्ष। (देहरादून से लखनऊ ले जा रहे खेप के साथ मौके पर ही गिरफ्तार)
- राशिद @ लल्लन निवासी सुता कलां, जौनपुर, उत्तर प्रदेश, आयु- 20 वर्ष। (देहरादून से लखनऊ ले जा रहे खेप के साथ मौके पर ही गिरफ्तार)
- परीक्षित नेगी निवासी देहरादून, उत्तराखंड। आयु-42 वर्ष। (वह विभिन्न गन हाउस और अन्य स्रोतों से गोला-बारूद की व्यवस्था करता था)
- सद्दाम निवासी सुता कलां, उत्तर प्रदेश। (खेप के प्रस्तावित रिसीवरों में से एक)
- कामरान निवासी यमुना विहार, दिल्ली। (जो परीक्षित नेगी को कारतूस सप्लाई करता था)
- नासिर, निवासी रुड़की, उत्तराखंड। (जो परीक्षित नेगी को कारतूस सप्लाई करता था)