अर्चना कुमारी। राजधानी में इंसानियत कराह रही है और एक बार फिर इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना तब तिलक नगर में घटित हुई जब एक बीमार महिला के साथ दुष्कर्म किया गया। इतना ही नहीं महिला को मारा पीटा भी गया । जिसके चलते वह जख्मी हो गई। पुलिस ने भी मामले में लापरवाही बरती और कार्यवाही में देरी की। 87 वर्ष की बुजुर्ग महिला ने आरोप लगाया है कि घर में घुस आए एक व्यक्ति ने उसका यौन उत्पीडऩ किया और हमला करने के बाद मोबाइल लेकर फरार हो गया।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि वारदात रविवार रात को हुई, जब वृद्धा की बेटी (65) अपनी एक मित्र से मिलने बाहर गई थी तब इस वारदात को अंजाम दिया गया। पश्चिम जिला पुलिस के अधिकारियों ने बताया यौन हमला और चोरी समेत भादंसं की संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है। जबकि बुजुर्ग महिला के परिवार के सदस्यों ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने कार्रवाई में देर की और उनकी शिकायत नहीं ली।
पुलिस इस मामले में सिर्फ चोरी का केस दर्ज करना चाहती थी जबकि महिला के साथ बलात्कार किसी तरह छुपा देना चाहती थी लेकिन बाद में मीडिया में इस बात का पता चलते ही अधिकारियों ने आरोप से इनकार करते हुए कहा कि प्राप्त शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई।
इससे पहले दिल्ली पुलिस को टैग करते हुए परिवार के एक करीबी दोस्त ने ट्वीट किया, दिल्ली के तिलक नगर में बिस्तर पर पड़ीं दोस्त की 87 साल की दादी के साथ बलात्कार किया गया। वह घायल भी हैं। दिल्ली पुलिस का रवैया सहयोगात्मक नहीं था और वह प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर रही थी। पुलिस ने अपने बचाव में कहा कि रविवार रात को बस चोरी की शिकायत दर्ज कराई गई थी और उसके आधार पर तिलक नगर थने में मामला दर्ज किया गया। उसने कहा कि सोमवर को शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उनका यौन उत्पीडऩ किया गया , तब उससे जुड़ी धारा मामले में जोड़ा गया।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि परिवार के सदस्यों के अनुसार घर में आरोपी के घुस आने पर बुजुर्ग महिला ने उससे सवाल किया तो उसने अपने को गैस एजेंसी का आदमी बताते हुए कहा कि उसे काम के लिए बुलाया गया था।
परिवार के सदस्यों ने पुलिस को बताया कि वृद्धा को उस व्यक्ति की हरकत पर संदेह हुआ और उसने शोर मचाने की कोशिश की तब, आरोपी ने उसपर हमला किया, उसका यौन उत्पीडऩ किया और मोबाइल लेकर फरार हो गया। इससे पहले निर्भया गैंग रेप को लेकर राजधानी काफी सुर्खियों में था और इसके बाद भी कोई ऐसा दिन जब नहीं बीता तथा जब रेप की घटनाएं ना होती हो । एक अनुमान के मुताबिक राजधानी में करीब 2000 महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया जाता है और दिल्ली पुलिस इन सब से निपटने में अक्षम साबित हो रही है।