जनरल रावत की मौत का बदला (भाग-9)
पारस-पत्थर बन न सको तो , कसौटी-पत्थर ही बन जाओ ;
किस सोने में खोट है कितनी ? भारत को बतला जाओ ।
अपने पास कसौटी-पत्थर , हर-नेता को कसना है ;
कौन भला है कौन बुरा है ? हिंदू को बतलाना है ।
क्योंकि जड़-बुद्धि बहुत हिंदू में , नेता कभी न पहचाना ;
अब्बासी-हिंदू जैसे नेता को , अपना हिंदू-नेता माना ।
कहीं से नहीं ये सच्चा है , इसमें खोट ही खोट है ;
इससे बदतर नहीं है कोई , कभी न देना वोट है ।
झूठे सारे लटके – झटके , तिलक – त्रिपुंड का स्वांग है ;
लफ्फाजी व जुमलेबाजी , इस पूरे-कुयें में भांग है ।
हिंदू ! कब तक मूढ़ रहोगे ? कब अपना अज्ञान मिटाओगे ?
धर्म-सनातन ज्ञान का सागर , इसमें तुम कब आओगे ?
सब-कुछ तेरे हाथ में हिंदू ! फिर क्यों धोखा खाते हो ?
असली-सोने के बदले में , क्यों नकली-सोना ले आते हो ?
अब्बासी-हिंदू नकली-सोना है , शत-प्रतिशत खोटा-सोना है ;
फिर भी हिंदू ! असली माने , केवल इसी का रोना है ।
धर्म-सनातन पारस-पत्थर भी और कसौटी-पत्थर भी ;
सारे हिंदू ! इसमें आ जाओ , फिर चिंता नहीं है कोई भी ।
हिंदू की पूरी बुद्धि खुलेगी , हर-साजिश को हिंदू ! तोड़ेगा ;
सारा गौरव वापस पायेगा , ये धर्मयुद्ध हिंदू ! जीतेगा ।
हजार-बरस से चलता आया , धर्मयुद्ध इस भारत में ;
हिंदू ! पूर्ण-विजय न पाया, क्योंकि अब्बासी-हिंदू है भारत में ।
महाशत्रु है ये हिंदू का , जेहादी का गुलाम है ;
अलतकिया में ये माहिर है , कहता खुद को भगवान है ।
मंदिर – मंदिर घूम रहा है , सबको भ्रष्ट कर रहा है ;
राम-मंदिर भारत की अस्मिता , उसको नीचे गिरा रहा है ।
महामूढ़ जितने – हिंदू हैं या चरित्रहीन – मक्कार हैं ;
वे अब्बासी-हिंदू के साथी , देश के जो गद्दार हैं ।
जनरल रावत को यही खा गया , सेना को कमजोर बनाया ;
अग्निवीर सी कमजोर कड़ी को , सेना में लेकर आया ।
देश की रक्षा लगी दाॅंव पर , क्या कोई दल है बचाने वाला ?
“एकम् सनातन भारत”दल ऐसा,”राम-राज्य” ला सकने वाला।
जनरल रावत की मौत का बदला , मांग रहा है हिंदूस्थान ;
हिंदू ! अच्छी-सरकार बनाओ , तभी बचेगा हिंदूस्थान ।
हिंदूस्थान ही शुद्ध नाम है , अपभ्रंश है हिंदुस्तान ;
“विष्णु-कृपा” से बचेगा हिंदू , सदा रहेगा हिंदूस्थान ।