पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी आईएसआई, कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन और खालिस्तान समर्थक आकाओं के कहने पर पंजाबी गैंगस्टर के निशाने पर कुछ हिंदूवादी नेता है। इन आतंकियों ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुछ नेताओं को टारगेट कर रखा है और इनकी योजना हिंदूवादी नेताओं की हत्या किया जाना था ।
पुलिस ने सोमवार सुबह पूर्वी दिल्ली के रमेश पार्क मुठभेड़ के बाद जिस पांच कथित आतंकियों को पकड़ा है। उनमें शामिल गुरदासपुर पंजाब निवासी गुरजीत सिंह उर्फ भा, सुखदीप सिंह उर्फ भूरा, बडगाम, जम्मू कश्मीर निवासी शब्बीर अहमद, गुंदीपुरा जम्मू कश्मीर निवासी मो. अय्यूब पठान और बडगाम जम्मू कश्मीर निवासी रियाज राठेर ने पूछताछ में यह खुलासा किया ।
पुलिस का कहना है कि पंजाब निवासी दोनों संदिग्ध आईएसआई और खालिस्तान समर्थक आकाओं के इशारे पर दिल्ली में संघ नेताओं की हत्या करने आए थे। जबकि इनके साथ पकड़े गए तीनों कथित कश्मीरी आतंकी इन दोनों को नारको-टेरेरिज्म के जरिये फंडिंग करने आए थे। पुलिस जांच के दौरान दिल्ली पुलिस को पता चला है कि पकड़े संदिग्ध गुरजीत और सुखदीप शैर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह संधु की हत्या में शामिल थे। दावा यह भी किया गया कि बरामद हत्यारों से ही बलविंदर की हत्या की गई थी।
पुलिस उपायुक्त प्रमोद सिंह कुशवाहा का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से उनको खुफिया एजेंसियों से सूचना मिल रही थी कि पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई और खालिस्तानी समर्थक आतंकी दिल्ली में बैठे राइट विंग (संघ नेता) की हत्या की साजिश रच रहे हैं। यह भी जानकारी मिली थी इनके निशाने पर दिल्ली, पंजाब, यूपी, उत्तराखंड और अन्य राज्यों के नेता भी हैं।
छानबीन के दौरान सोमवार तड़के टीम को सूचना मिली कि खालिस्तानी आतंकी सुख भिखारीवाल ने पंजाब से दो कथित आतंकी व शार्प शूटर दिल्ली राइट विंग नेताओं की हत्या के लिए भेजे हैं। इनको कुछ कश्मीरी युवकों से पूर्वी दिल्ली के रमेश पार्क इलाके में मिलना हैं। जहां पर कश्मीरी कथित आतंकी इन दोनो खालिस्तानी शार्प शूटरों को फंडिंग के लिए कैश व हेरोइन सौपेंगे।
करीब आठ से 10 करोड़ की हेरोइन को बेचकर इस पैसे को टेरर किलिंग में इस्तेमाल किया जाएगा। इस तरह की सूचना मिलने के बाद स्पेशल सेल की टीम ने रमेश पार्क का घेराव कर कर लिया। सुबह करीब 6.45 बजे टीम ने संदिग्धों को रुकने का इशारा किया तो उन्होंने पुलिस टीम पर गोलियां बरसां दी। जिसके बाद पुलिस ने होंडा सिटी और स्विफ्ट कार सवार पांच संदिग्धों को काबू किया।
इनके पास से एक लाख नगदी , दो किलो हेरोइन, तीन पिस्टल व अन्य सामान बरामद हुआ। पुलिस के मुताबिक दोनों ओर से कुल 13 राउंड गोलियां चली। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया है क 16 अक्तूबर को गुरजीत व सुखदीप और अन्य लोगों ने शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह संधु की पंजाब के तरनतारन जिले में गोली मारकर हत्या कर दी थी।
बलविंदर संधू खालिस्तान और आतंकियों के खिलाफ थे। यह भी पता चला है कि खालिस्तान समर्थक आतंकी सुख भिखारीवाल ने आईएसआई और खालिस्तान आकाओं के इशारे पर इनसे बलविंदर की हत्या करने के लिए कहा था। इस वारदात के बाद से ही गुरजीत व सुखदीप अंडरग्राउंड थे। लेकिन अब दोनों सुख भिखारीवाल के इशारे पर दिल्ली आए थे।
इनसे पूछताछ कर इस बात का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि दोनों पंजाबी गैंगस्टर किन लोगों की हत्या करने आए थे। दिल्ली पुलिस का दावा है कि नोटबंदी के बाद नकली नोटों की तस्करी पर कुछ हद तक लगाम लगने के बाद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई मादक पदार्थों की तस्करी से कमाए गए रुपयों से भारत में आतंकवाद फैलाना शुरू कर दिया है ।
पांचों आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई का खालिस्तान और कश्मीर कनेक्शन का भी पर्दाफाश हुआ है। पूछताछ में खुलासा हुआ है की ड्रग्स के गोरखधंधे से हो रही काली कमाई का इस्तेमाल भारत में आतंकी गतिविधियों को संचालित किए जाने में आईएसआई शुरू कर दिया है। जबकि पाकिस्तान में बैठे खालिस्तानी आतंकी और आईएसआई पंजाब में टारगेट किलिंग को अंजाम दे रहे हैं और इन लोगों ने कश्मीर के आतंकियों के साथ मिलकर भारत में आतंकी गतिविधियों के लिए प्लान बनाया है।
पूछताछ में पता चला है कि नोटबंदी के बाद से नकली नोटाें की सप्लाई काफी कम हो चुकी है। ऐसे में इन लोगों ने टैरर फंडिंग के लिए ड्रग्स का रास्ता अख्तियार किया । अफगानिस्तान में आईएसआई के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद है। वहीं से ड्रग्स की सप्लाई भारत में हो रही है। यह भी पता चला है कि जो ड्रग्स बिकती है, उससे होने वाली कमाई से ये लोग भारत में आतंकवाद को हवा देने का काम करते हैं। पुलिस का कहना है जो लोग आतंकवाद के खिलाफ खड़े हो रहे हैं, उनकी गैंगस्टर के जरिए हत्या करवाई जा रही है। सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश हो रही है।