Archana Kumari. महाराष्ट्र में राजनीति उस दौर में पहुंच गई है जहां आरोप-प्रत्यारोप के बीच सच्चे -झूठे दावे किए जा रहे हैं। सोमवार को अनिल देशमुख के बचाव में उतरे शरद पवार ने कहा था कि 5 से 15 फरवरी तक महाराष्ट्र् गृहमंत्री अनिल देशमुख अस्पताल में भर्ती थे और 15 फरवरी से 27 फरवरी तक वह घर पर ही कोरोना की जंग लड़ रहे थे, उनकी इस बात का समर्थन खुद अनिल देशमुख ने भी किया था।
जबकि इस मामले को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कोई निर्णय लेने के बजाय कान में रुई रखकर सोए हुए हैं। इस बीच पता चला है किअनिल देशमुख 5 से 15 तारीख तक तो नागपुर के हॉस्पिटल में उपचार करा रहे थे लेकिन उसके बाद उनके घर पर मौजूद रहने का दावा झूठा है क्योंकि अनिल देशमुख प्राइवेट विमान से अपने परिवार और 2 सहायक तथा कुल आठ लोगों के साथ मुंबई आए और सरकारी आवास में रुके थे। उसी दौरान सचिन बजे उनसे मिलने गए थे।
माना जा रहा है कि हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होने के बाद वह नागपुर में नहीं थे बल्कि मुंबई में थे। इस खुलासे के बाद यह साफ हो गया है अनिल देशमुख को बचाने के लिए एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने मीडिया से झूठ बोला था। हद तो यह थी कि मीडिया जब बार-बार यह सवाल पूछ रही थी तो उन्होंने कहा कि आप लोग मूल मुद्दे को डायवर्ट कर रहे हैं। इससे जाहिर है कि पवार जानबूझ कर झूठ बोल रहे थे!
इस बीच महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के सफर के 15 फरवरी की टिकट मिले हैं जबकि बताया जाता है कि देशमुख ने हॉस्पिटल से भी उस दौरान एक सर्टिफिकेट बनवाया था कि वह फ्लाइट से सफर कर सकते हैं । सवाल उठता है कि जब अनिल देशमुख 15 फरवारी को विमान से यात्रा कर रहे थे तो फिर वह और उनके आका शरद पवार आखिर झूठ क्यों बोल रहे हैं? जाहिर है कि जब तक महाराष्ट्र के गृहमंत्री को हिरासत में लेकर कोई केंद्रीय एजेंसी पूछताछ नहीं करती, तब तक उनके और उनके सुप्रीमो शरद पवार के द्वारा झूठ बोलने के सही कारणों का पता देश को कभी नहीं चल पाएगा।
इस आरोप के बाद ट्विटर पर वीडियो शेयर कर अनिल देशमुख ने बताया कि ‘कोरोना वायरस से संक्रमित होने की वजह से 5 फरवरी से 15 फरवरी तक नागपुर के हॉस्पिटल में भर्ती था लेकिन इसके बाद 15 फरवरी को चार्टर प्लेन से मुंबई गए। उन्होंने बताया कि इसके लिए उन्होंने डॉक्टरों से अनुमति ली थी जबकि डॉक्टरों ने मुझे विमान यात्रा के लिए फिट बताया था लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने परमबीर सिंह के आरोप को गलत बताया।
इस बीच सूत्रों की माने तो प्रदेश सरकार परमवीर सिंह के आरोपों की जांच कराने की सोच रही है और उद्धव सरकार मुंबई हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज से पूरे प्रकरण की जांच करा सकती है तथा जांच के लिए कमेटी गठित कर सकती है । इस बीच मंत्रिमंडल में फेरबदल किए जाने के सूचना है।
होली के बाद एनसीपी ,शिवसेना और कॉंग्रेस इन तीनो पार्टियों के कोटे से कुछ नए चेहरों को मिल सकती है जब अनिल देशमुख अपने पद पर बने रहेंगे या नहीं या साफ नहीं है।
इस बीच एंटीलिया और मनसुख मामले को लेकर महाराष्ट्र एटीएस ने एक और कार तथा कोड में लिखे एक डायरी सचिन बजे की निशानदेही पर बरामद किया जबकि एक ऑडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें मनसुख और उसका भाई विनोद के बीच 27 फरवरी को हुई बातचीत रिकॉर्ड है। ऑडियो क्लिप एटीएस के हाथ लगी है और इसके मुख्य अंश नीचे मौजूद है।
27 फरवरी को मनसुख – विनोद की बातचीत के अंश
विनोदः नींद हो गई क्या ? क्या हुआ ?
मनसुखः अब नहीं जाना पड़ेगा सारा स्टेटमेंट हो गया है ।
विनोद : स्टेटमेंट में क्या लिखवाया ? वह गाड़ी सचिन वझे भी चलाते थे ? बताया न स्टेटमेंट में ?
मनसुख : ऐसा नहीं लिखवाया।
विनोद : क्यों नहीं लिखवाया ?
मनसुखः सचिन वाझे ने कहा था कि वह गाड़ी चलाते थे , यह बात मत बताना , इसलिए वह बात मैंने स्टेटमेंट में नहीं लिखवाई ।
विनोद: तूने गलत लिखवाया है । कोई गड़बड़ी तो नहीं होगी न ?
मनसुख : कुछ होगा नहीं ! ‘ साहब ‘ के पास ही मामला है ।
विनोद: एटीएस वाले भी जानकारी निकालेंगे ?
मनसुख: साहब ( वझे ) के पास सब पेपर हैं । साहब ही मेन हैं । अब कुछ नहीं होगा । इस पूरे मामले को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी को जल्द ही खुलासा करना होगा ताकि देश को सच्चाई का पता लग पाए!