अर्चना कुमारी। केंद्र सरकार के नाक के नीचे दिल्ली में विदेशियों को ठगने का रैकेट चलाया जा रहा है और राजधानी का कोई भी ऐसा जिला नहीं बचा है, जहां पर पुलिस के संरक्षण में है यह धंधा फल-फूल नहीं रहा है। यदा-कदा पुलिस इस तरह के फर्जी कॉल सेंटर पर कार्रवाई तो करती है लेकिन इसके बावजूद इस तरह का धंधा बंद होने का नाम नहीं ले रहा है।
पुलिस का कहना है कि स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से इस तरह का धंधा फल-फूल रहा है और इसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों तक नहीं पहुंच पाती । बहरहाल दक्षिणी दिल्ली के मालवीय नगर में 5 लोगों को तथा हरी नगर में 65 लोगों को गिरफ्तार किया गया । आरोपी खुद को अमेरिका के विभिन्न विभागों के अधिकारी बताकर पीड़ितों के खिलाफ झूठी शिकायत की बात कहते थे और कानूनी कार्रवाई से बचाने के नाम पर उनसे रुपए ऐंठते थे।
आरोपी इस ठगी को अंजाम देने के लिए स्क्रीप्ट तैयार करते थे और फिर अपने कर्मचारियों से उसको अंजाम दिलाते थे। हरी नगर में चलने वाले कॉल सेंटर के लिए पुलिस ने मौके से ही इस फर्जी कॉल सेंटर के दो मालिकों लखन जगवानी (25) और विजेन्द्र सिंह रावत उर्फ विजय (41) को भी गिरफ्तार किया जबकि मालवीय नगर में मुख्य आरोपी प्रीतम पाल है।
दोनों जगह से भारी संख्या में कम्प्यूटर, लैपटॉप, इंटरनेट डिस्ट्रिब्यूशन स्वीच, इंटरनेट राउटर, मोबाइल, चीटिंग स्क्रीप्ट, पेन ड्राइव टेलीकम्युनिकेशन सॉफ्टवेयर, बीओआईपी कॉलिंग डायलर व अन्य चीजें बरामद की गई। पुलिस सूत्रों का दावा है कि मालवीय नगर के पंचशील बिहार और हरी नगर के फतहनगर में फर्जी सेंटर चलाया जा रहा था।
आरोपी खुद को अमेरिकी कस्टम विभाग, बॉर्डर प्रोटेक्शन विभाग, ड्रग्स एनफोर्समेंट एजेंसी, एफबीआई, ट्रेशरी ऑफिस समेत अमेरिका के विभिन्न विभागों का सरकारी अधिकारी बताते थे। अमेरिकियों को कॉल कर उनके खिलाफ झूठी शिकायत मिलने और उसमें कानूनी कार्रवाई से बचाने के एवज में मोटी रकम वसूल रहे थे। जांच में सामने आया है कि दोनों स्थलों पर आरोपी वीओआईपी कॉलिंग के लिए अवैध तकनीक अपना रहे थे। उन्होंने वैध लीगल इंटरनेशनल डिस्टेंस (आईएलडी) को बायपास किया था। जिससे वह केन्द्र सरकार को भी करोड़ों का चूना लगा रहे थे।