विपुल रेगे। फ़ास्ट एंड फ्यूरियस की पहली फिल्म सन 2001 में प्रदर्शित हुई थी। फिल्मों की विधा में ये एक नया प्रयोग था, जो इतना सफल रहा कि संपूर्ण विश्व में फ़ास्ट एंड फ्यूरियस के करोड़ों प्रशंसक पैदा हो गए। लेकिन कहते हैं ना हर आरंभ का एक अंत होता है। फास्ट एंड फ्यूरियस आठ भागों तक अविजित रहकर बॉक्स ऑफिस की दौड़ शान से जीतती रही लेकिन नौवें भाग में आकर वह फिनिश लाइन के पास आकर दम तोड़ गई। बीस साल से अनवरत जारी तिलस्म एक झटके में हवा में विलीन हो गया।
लार्जर देन लाइफ फ़िल्में बनाने में बॉलीवुड से कोई प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकता। हमारी फिल्मों में प्लेन क्रेश होने के बावजूद हीरो के सुरक्षित बचने की पूरी संभावनाएं पटकथा में प्रकट कर दी जाती है। अब तक विश्व में कोई फिल्म उद्योग ऐसी फ़िल्में बनाने में हमारा मुकाबला नहीं कर पा रहा था लेकिन फ़ास्ट एंड फ्यूरियस की नौवीं किश्त को देखकर तो बॉलीवुड भी शर्म से पानी-पानी हो गया।
तर्कहीनता का शिखर इसे ही कहते हैं, जिस पर विन डीजल की फिल्म ‘फ़ास्ट एंड फ्यूरियस’ विराजमान है। नौवीं किश्त डोमिनिक टोरेटो के अतीत से निकलकर आई है। दर्शकों को पता चलता है कि उसका एक भाई भी है, जो बुरे लोगों के साथ मिलकर काम कर रहा है। इस कहानी में कार रेसर एक बार फिर दुनिया बचाने निकले हैं। एक ऐसा हथियार जैकब टोरेटो के हाथ लग जाता है, जो बड़े पैमाने पर विनाश कर सकता है।
फास्ट एंड फ्यूरियस के नायक लगभग हर फिल्म में दुनिया को बचाने निकलते हैं किन्तु इस बार निर्देशक कल्पनाशीलता के गुरुत्वाकर्षण बल से भी बाहर चला गया है। ऐसे गैजेट्स दिखाए गए हैं, जिन पर विश्वास करना मुश्किल है। एक ऐसा वाहन जो चुंबकीय क्षमता से परिपूर्ण है। जहाँ से निकलता है, लोहे की वस्तुओं को चिपकाता चला जाता है। टनों वजन की लोहे की वस्तुएं वाहन पर चिपक गई है लेकिन छोटा सा वाहन टस से मस नहीं होता।
इस बार फिल्म के निर्देशक रॉब कोहेन कल्पनाशीलता में हमारे मनमोहन देसाई को पराजित कर गए हैं। जब कोई फिल्म आशातीत सफलता पाती है और उसके कई संस्करण बनते हैं तो देखा जाता है कि कथा की मूल थीम धीमे-धीमे अदृश्य हो गई है और उसकी जगह व्यर्थ की बाज़ीगरी ने ले ली है। एक समय था जब हॉलीवुड की फिल्मों के काल्पनिक एक्शन सीक्वेंस बहुत वास्तविक से प्रतीत होते थे लेकिन सुपरहीरोज और विन डीजल जैसे कलाकारों के आ जाने के बाद वास्तविकता चिड़िया बनकर उड़ गई है।
बहुत से असंभव लगने वाले एक्शन दृश्यों के झेलते हुए जब हम इसके अंत की ओर बढ़ते हैं तो मालूम होता है कि निर्देशक ने दर्शक को प्रताड़ित करने का सबसे बड़ा इंतज़ाम तो क्लाइमैक्स में कर रखा है। मानव जाति को नष्ट करने वाले हथियार को समाप्त करने के लिए हमारे हीरो स्पेस सूट पहनकर कार में बैठकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक जाते हैं। बस यही वे पल होते हैं, जब दर्शक का धैर्य भी अपना गुरुत्वाकर्षण खो देता है।
विगत बीस वर्ष से फ़ास्ट एंड फ्यूरियस का फास्ट सागा हमें उत्तेजना देता रहा है। इसकी नौवीं किश्त दर्शा रही है कि निर्देशक को दसवा भाग बनाने से पूर्व मनन करना चाहिए। उनको याद करना चाहिए कि वे कहाँ से शुरु हुए थे। निर्देशक की अति कल्पनाशीलता के रॉकेट में बैठकर फास्ट सागा का दसवा भाग पृथ्वी की कक्षा से बाहर की ओर निकल चुका है। तर्कहीनता के शिखर से पैसों को लुटते हुए देखिये।