अर्चना कुमारी। अरविंद केजरीवाल जिन्होंने कभी सुरक्षा लेने से मना कर दिया था लेकिन बाद में वह सुरक्षा घेरे में चलते दिखाई पड़े । मुख्यमंत्री बनने के बाद जितनी तरह की सुविधाएं हो सकती है, उनका उन्होंने इस्तेमाल किया। इस बीच उनकी सादगी ऐसी कि उन्होंने सिर्फ 8 साल में एक करोड़ 43 लाख 35 हजार 145 रुपये सिर्फ गाड़ियों पर खर्च कर चुके हैं।
इसका खुलासा आरटीआई के जरिए किया गया है और इस खुलासे के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप तथा विवाद बढ़ने की आशंका है। सूत्रों का कहना है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल साल 2014 में दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने के बाद से अब तक अपनी गाड़ियों की खरीद पर कुल एक करोड़ 43 लाख 35 हजार 145 रुपये खर्च कर चुके हैं और वह लग्जरी गाड़ियों की शौकीन बताए जाते हैं।
जानकारी का खुलासा विवेक पूनिया द्वारा 30 मई को आरटीआई के माध्यम से पूछे गए सवाल के बाद दिल्ली सरकार के अधिकारी भास्कर प्रियदर्शिनी के द्वारा जवाब से हुआ है। खुलासा किया गया है कि मुख्यमंत्री अब तक कुल 4 बार अपनी गाड़ियों को बदल चुके हैं। इसमें प्रतिक्रिया करते हुए भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने केजरीवाल पर निशाना साधा और धोखेबाज कहा जबकि बीजेपी की प्रदेश इकाई के प्रवक्ता हरीश खुराना ने कहां थी केजरीवाल जब सत्ता में आए थे तो उन्होंने दिल्ली की जनता से वादा किया था कि ना मैं बंगला लूंगा ना मैं गाड़ी लूंगा लेकिन आरटीआई से स्पष्ट हो गया है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के द्वारा गाड़ियों के ऊपर दिल्ली की जनता की गाढ़ी कमाई को पानी की तरह बहाया। उन्होंने आगे बताया दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अपनी गाड़ियों को खरीदने के लिए 44 लाख 29 हजार 515 रुपये खर्चे किए हैं जो हैरान करने वाला है। यह वहीं लोग हैं जो दूसरे राज्यों की सरकारों पर बेवजह पैसा खर्च कर गाड़ियां खरीदने जाने को लेकर सवाल उठाया करते थे और आज जब इस आरटीआई का जवाब है तो दिल्ली के मुख्यमंत्री चुप क्यों है जबकि दिल्ली की जनता जवाब मांग रही है