सुरेश चिपलूनकर। गलगोटिया यूनिवर्सिटी :- बहुत से मित्र अभी भी सोशल मीडिया पर गलगोटिया यूनिवर्सिटी की धुलाई और खिंचाई से अनजान हैं और यह शब्द सुनकर उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा कि मामला क्या है… कुछ लोगों ने व्हाट्स एप और फेसबुक के मैसेंजर में पूछा है कि आखिर ये गलगोटिया यूनिवर्सिटी का क्या मामला है?? सोशल मीडिया पर लोग इस यूनिवर्सिटी को “व्हाट्स एप यूनिवर्सिटी” क्यों कह रहे हैं… उनके लिए संक्षेप में =
एक यूनिवर्सिटी है गलगोटिया के नाम से… ये यूनिवर्सिटी बड़े ही तामझाम, दिखावे और झांकीबाजी के साथ चलती है… अचंभित पात्रा जैसे दर्जनों लोग इस यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में आते हैं… ताजा मामला यह है कि सरकार की चाटुकारिता करने के चक्कर में तथा करोड़ों के घोटाले एवं फर्जीवाड़े से बचने के लिए इस यूनिवर्सिटी ने अपने छात्रों को प्लेकार्ड देकर कांग्रेस कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करने भेज दिया… उन प्लेकार्ड पर हिन्दी-अंगरेजी में Inheritance Tax, Urban Naxal इत्यादि कुछ मुद्दे लिखे थे….
परन्तु इनके दुर्भाग्य से कांग्रेस के विरुद्ध प्रदर्शन करने गए इन छात्रों की भीड़ में आज तक चैनल का एक पत्रकार घुस गया और उसने इन छात्रों से विरोध के मुद्दों पर बातचीत करना शुरू किया… उन नौजवानों से प्लेकार्ड पर लिखे विरोध के बारे में जानना चाहा… और यह क्या!!! देखते ही देखते, इन मानसिक कंगाल छात्रों का जनरल नॉलेज और उनकी राजनैतिक समझ के चीथड़े उड़ गए… (इसका वीडियो साथ में दिया है)….
जब इन सो कॉल्ड कांग्रेस विरोधियों की पोल खुलने लगी, तो बहुत से छात्र इधर-उधर भाग लिए, कुछ ने अपना मुंह छिपा लिया… बाद में पता चला कि कॉलेज प्रबंधन ने इन छात्रों को अच्छे नंबर देने, परीक्षा में फेवर करने, जैसे लालच और धमकियां देकर कांग्रेस कार्यालय के बाहर भेजा था, ताकि कॉलेज के मालिक भाजपा और मोदी को प्रसन्न कर सकें… लेकिन इनका दांव उल्टा पड़ गया और “जिस प्रकार व्हाट्स एप्प पर बौद्धिक रूप से मूर्ख” लोगों की भीड़ उह-आह-आउच करती हुई फर्जी संदेशों को फारवर्ड करती दिखाई देती है, वही इनके साथ हुआ… इसीलिए परसों से गलगोटिया यूनिवर्सिटी का नाम लोगों ने व्हाट्स एप यूनिवर्सिटी भी कर दिया है…
वर्तमान में जिसके पास जमीन हो, बस वह नेताओं के साथ सेटिंग करके कॉलेज खोल रहा है… दो दो कमरों में यूनिवर्सिटी खोली जा रही हैं.. मप्र में नर्सिंग कॉलेज का फर्जीवाड़ा अभी ठंडा भी नहीं हुआ है… आजकल भारत में शिक्षा के साथ ऐसा मजाक चल रहा है…
परन्तु ध्यान रहे, शिक्षा, स्वास्थ्य, सार्वजनिक परिवहन (जैसे रेल) इत्यादि के बारे में सरकार से सवाल पूछना यानी गद्दार कहलाना होता है… आप तो अपने बच्चों को शोभायात्रा, कलश यात्रा, प्रवचन, भण्डारा, मंदिर निर्माण जैसे कामों के लिए भेजें… इस फील्ड में शिक्षा से ज्यादा स्कोप है… पैसा भी मिलेगा, और नेता बनने का मौका भी…. पढ़ाई-लिखाई में क्या रखा है??
बहरहाल, साथ में दिए हुए वीडियो को जरूर देखें… हंसें, और मजे लीजिए तथा गलगोटिया सहित व्हाट्स एप यूनिवर्सिटी की जय बोलिए…