अर्चना कुमारी । आम आदमी पार्टी का मुस्लिम चेहरा तथा ओखला विधानसभा से आम आदमी पार्टी विधायक और दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अमानतुल्लाह खान की मुश्किलें बढ़ने वाली है।
क्योंकि दिल्ली की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने एलजी सचिवालय को पत्र लिखकर उनको वक्फ बोर्ड चेयरमैन पद से हटाने की मांग की है। पत्र में बताया गया है कि विवादित प्रवृत्ति के अमानतुल्लाह के बदमाशी और आपराधिक स्वभाव को देखते हुए गवाह उनके खिलाफ आने की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं।
इस वजह से वक्फ बोर्ड अध्यक्ष के खिलाफ दर्ज मामलों की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच के लिए उनको जांच होने तक पद से हटाया जाना जरूरी है। गौरतलब है कि दिल्ली के दागी विधायक के तौर पर अमानतुल्लाह खान के खिलाफ 23 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें एक मामले की सीबीआई जांच कर रही है जबकि कई मामलों की जांच अलग-अलग थानों की लोकल पुलिस और एसीबी के पास है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि एसीबी अमानतुल्लाह खान के खिलाफ वक्फ बोर्ड के खातों में वित्तीय गड़बड़ियों, बोर्ड की संपत्तियों पर नए किराएदार रखने, नए वाहनों की खरीद में घोटाले और वक्फ बोर्ड में 33 भत्तियों में करीबियों की नियुक्तियों की जांच कर रही है। इन मामलों की जांच कर रहे आईओ की रिपोर्ट को आधार बनाकर एलजी को पत्र लिखा गया है। रिपोर्ट में कहा गया कि अमानतुल्लाह बेहद आक्रामक और अनियंत्रित हैं।
इस व्यक्ति के रवैया से लोग डरते हैं। जब तक खान अपने पद पर बने रहते हैं तो तब तक इन मामलों में स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती है। इतना ही नहीं वर्तमान मामलों में अमानतुल्लाह खान ने कथित तौर पर दिल्ली वक्फ बोर्ड के तत्कालीन सीईओ एमए आबिद और शमीम अख्तर तमन्ना के साथ भी बदसलूकी की है। एक गवाह ने यह भी आरोप लगाया है कि खान ने उनके घर से केस से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज भी अपने कब्जे में लेकर हटा दिए हैं।