अर्चना कुमारी। उत्तर पूर्वी दिल्ली का दंगा प्रभावित नंद नगरी इलाका, जहां पर एक दलित हिंदू युवक की चाकू से 40 से अधिक बार करके हत्या कर दी गई। मृतक की शिनाख्त मनीष के तौर पर की गई और इलाके में इस घटना के बाद से तनाव को देखते हुए पुलिस बलों की तैनाती सुनिश्चित की गई है। उत्तर पूर्वी दिल्ली के सांसद मनोज तिवारी ने इस घटना को लेकर रोष प्रकट किया है और उनका कहना था कि हत्या आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। घटना के बारे में पुलिस का कहना है कि शनिवार शाम करीब 7.40 बजे पीसीआर कॉल आई कि एक लड़के को 2-3 लड़कों ने चाकू मार दिया है।
इस तरह की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस जख्मी युवक को अस्पताल लेकर गई, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक की पहचान मनीष पुत्र धर्मपाल निवासी सुंदर नगरी के रूप में हुई है। प्रारंभिक पूछताछ के दौरान तीन लड़के आलम, बिलाल और सुंदर नगरी के सभी फैजान निवासी मुख्य संदिग्ध के रूप में सामने आए हैं और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। सूत्रों का दावा है कि तीनों मुस्लिम युवक इलाके में दबंगई के चलते मनीष की हत्या की जबकि हत्या का मकसद पुरानी रंजिश है।
करीब 1 साल पहले भी एक हिंदू युवक पर तीनों मुस्लिमों ने हमला किया था। इस मामले में मनीष चश्मदीद गवाह था और उस पर गवाही नहीं दिए जाने को लेकर आरोपियों ने दबाव बनाया था और इनकार किए जाने पर उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस का कहना है कि यह मामला सीसीटीवी कैमरे में कैद हुआ है और कैमरे से मिले फुटेज के आधार पर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। इस बीच नंद नगरी इलाके में शनिवार रात मनीष (19) नामक युवक की बेरहमी से हत्या के बाद से पूरे इलाके में भारी तनाव बना हुआ है और पुलिसकर्मियों की तैनाती भारी संख्या में की गई है।
बताया जाता है कि तीनों आरोपियों ने 40 से अधिक वारकर मनीष की निर्मम हत्या कर दी और कई लोग मूकदर्शक बने रहे तथा कोई भी मनीष को बचाने नहीं आया। हालात को देखते हुए फिलहाल पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। घटना से नाराज लोगों ने रविवार दोपहर मनीष की गली के बाहर जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन किया। स्थानीय लोगों का कहना था कि कुछ लोग पूरे इलाके में खुलेआम दबंगई कर रहे हैं, लेकिन पुलिस इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
सुंदरनगरी में बनी पुलिस चौकी के पास लोग खुलेआम शराब और जुआ खेलते हैं, लेकिन पुलिस इस ओर ध्यान नहीं दे रही है। जहां मनीष की हत्या हुई वहां से चंद कदमों की दूरी पर पुलिस बूथ बना हुआ है। स्थानीय लोगों का कहना है कि वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी मृतक की परिजनों को धमकाकर भी गए हैं। रविवार दोपहर इलाके के लोगों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। मौके पर मौजूद पुलिस ने लोगों को समझा-बुझाकर शांत करवाया। पुलिस अधिकारियों का कहना था कि मामले में तीन आरोपी आलम, बिलाल और फैजान को गिरफ्तार कर लिया गया है।
इनके पास से वारदात में इस्तेमाल चाकू भी बरामद कर लिये गए हैं। पुलिस ने रविवार दोपहर मनीष के शव का पोस्टमार्टम कराकर खुद ही अंतिम संस्कार करवाया। पुलिस शव को मोर्चरी से सीधे एंबुलेंस में रखकर मंडोली स्थित श्मशान घाट पहुंची। वहां परिजनों की मौजूदगी में शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। मनीष के घर के अलावा आरोपियों के घर के बाहर भी पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है। पुलिस लगातार अमन कमेटी के लोगों के साथ बैठक कर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर रही है। रविवार को विश्व हिंदू परिषद और स्थानीय नेताओं का भी मनीष के घर आना-जाना लगा रहा।