अर्चना कुमारी। दिल्ली हाईकोर्ट ने फिल्म निर्माता हंसल मेहता की फिल्म ‘फराज’ की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार किया। फिल्म 3 फरवरी शुक्रवार को रिलीज हो रही है। यह फिल्म 01 जुलाई, 2016 को होली आर्टिसन, ढाका, बांग्लादेश में हुए आतंकवादी हमले पर आधारित है।
बताया जाता है कि आतंकवादी हमले में बेटियां खोने वाली दो महिलाओं ने फिल्म की रिलीज रोके जाने की मांग की थी। कोर्ट ने फ़िल्म प्रोड्यूसर से कहा कि वो डिस्क्लेमर चलाये कि फिल्म आंतकी घटनाओं से ज़रूर प्रेरित है,लेकिन इसमें दिखाए गए पात्र काल्पनिक है।जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस तलवंत सिंह की एक खंडपीठ ने फिल्म निर्माता और निर्माताओं को निर्देश दिया कि वे उस डिस्क्लेमर का गंभीरता से पालन करें, जिसमें कहा गया है कि फिल्म हमले से प्रेरित है और इसमें निहित तत्व पूरी तरह से काल्पनिक हैं।
अदालत एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ हमले में अपनी बेटियों को खोने वाली दो महिलाओं की अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने फिल्म की रिलीज के खिलाफ अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था। हंसल मेहता और प्रोड्यूसर्स ने सिंगल जज के सामने हलफनामे में डिस्क्लेमर दिया था।
फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार करते हुए पीठ ने कहा था कि डिस्क्लेमर में माताओं की चिंताओं का ख्याल रखा गया है। जस्टिस मृदुल ने दोनों महिलाओं की ओर से पेश वकील से कहा, अगर फिल्म पहले ही इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्रसारित हो चुकी है, तो वे अब कैसे बदलाव कर सकते हैं? क्षमा करें, हम आपकी मदद नहीं कर सकते।अदालत ने अपील पर आगे मुकदमा चलाने के निर्देश मांगने के लिए माताओं की ओर से पेश होने वाले वकील के अनुरोध पर अपील में सुनवाई स्थगित कर दी।
अदालत ने कहा, हालांकि, यह स्पष्ट किया जाता है कि प्रतिवादी एकल न्यायाधीश के फैसले में निकाले गए अस्वीकरण का ईमानदारी से पालन करेंगे।अदालत ने प्रतिवादियों की ओर से की गई स्पष्ट दलीलों पर भी ध्यान दिया कि बेटियों से संबंधित तस्वीरें फिल्म में नहीं हैं। सुनवाई अब 22 फरवरी को होगी।