विपुल रेगे। राष्ट्रवादी फिल्मों को समर्थन देने वाली भारतीय जनता पार्टी अपने सांसद और अभिनेता सनी देओल की ‘ग़दर 2’ का समर्थन करती दिखाई नहीं दे रही है। ‘कश्मीर फाइल्स’, ‘द केरल स्टोरी’ और ‘आदिपुरुष’ को स्पष्ट समर्थन देने वाले भाजपा नेता ‘ग़दर 2’ के आसपास भी दिखाई नहीं देते। या सनी देओल के भाजपा नेताओं से संबंध बेहतर नहीं हैं या एक बेहतरीन देशज सिनेमा को समर्थन देने को लेकर भाजपा के बीच मतभेद हैं। पाकिस्तान को आइना दिखाने वाली ‘गदर 2’ को लेकर पाकिस्तान से रिएक्शन आना शुरु हो गए हैं लेकिन इसके लिए वैचारिक रुप से अधिकृत पार्टी कुछ बोलने को तैयार नहीं दिखती।
भारतीय जनता की स्मरण शक्ति को रिकॉल किया जाए तो तीन फ़िल्में ऐसी हैं, जिन्हे भाजपा नेताओं ने खुलकर समर्थन दिया था। विवेक अग्निहोत्री की ‘द कश्मीर फाइल्स’ पिछले वर्ष प्रदर्शित हुई थी। इसे भाजपा की ओर से तगड़ा समर्थन मिला था। दर्शकों के लिए भाजपा का समर्थन करने वाले धनिकों ने बल्क बुकिंग पर लाखों रुपये लुटा दिए थे। फिल्म को अभूतपूर्व समर्थन मिला था तो इसका एक छोटा सा कारण भाजपा नेताओं द्वारा ज़मीन पर किया हुआ ग्राउंडवर्क था। अत्यंत विवादित फिल्म ‘आदिपुरुष’ पर प्रतिबंध की मांग की उपेक्षा करते हुए सरकार ने इसे रिलीज होने दिया। भाजपा नेताओं ने दर्शकों से ये फिल्म देखने की अपील की।
भाजपा सांसद और अभिनेता रवि किशन ने दर्शकों से ‘आदिपुरुष’ देखने की अपील की और परिवार के साथ फिल्म देखने गए। फिल्म देखने के बाद उन्होंने इस कचरा फिल्म की प्रशंसा भी की। फिल्म निर्देशक विपुल शाह की ‘द केरल स्टोरी’ को भाजपा की ओर से ज़ोरदार समर्थन दिया गया था। उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में कई भाजपा नेताओं ने अपने समर्थकों के लिए इस फिल्म की बल्क बुकिंग की थी। यदि हम ‘ग़दर 2’ को देखे तो समर्थन के मामले में भाजपाई मैदान खाली दिखाई दे रहा है।
हालांकि फिल्म जिस ढंग से सफल हो रही है, इसे किसी राजनीतिक दल की सिफारिश की आवश्यकता नहीं है। फिर भी सवाल तो उठ ही रहे हैं क्योकि सनी देओल पंजाब के गुरदारसपुर से भाजपा सांसद हैं। उनकी भाजपा से नज़दीकियां मनोज मुन्तशिर और अक्षय कुमार से अधिक है। वे भाजपा के सक्रिय सदस्य हैं। क्या भाजपा ने सनी देओल की फिल्म से इसलिए दूरी बनाई है, क्योंकि उन्होंने फिल्म के प्रमोशन में पाकिस्तान की जनता की प्रशंसा कर दी थी। उन्होंने प्रमोशन के दौरान कहा था कि ‘भारत और पाकिस्तान के बीच नफरत के लिए राजनीतिक खेल ज़िम्मेदार है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के लोगों के दिलों में एक-दूसरे के लिए समान प्यार है।
ये लाइन एक अभिनेता के तौर पर उनको सूट करती है लेकिन एक सांसद के तौर पर नहीं। वे 2019 में लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे। गुरदासपुर से सनी देओल ने कांग्रेस के मौजूदा सांसद सुनील कुमार जाखड़ को हराया था। पिछले चुनाव में भाजपा ने एक स्टार प्रचारक के रुप सनी का भरपूर दोहन किया था। प्रचार में उनकी एक्शन छवि को बहुत भुनाया गया था। ये तो जगजाहिर है कि जब पार्टी किसी सेलेब्रेटी को सांसद या विधायक बनाती है तो वह कभी अपने क्षेत्र में नहीं जाता, वहां ध्यान नहीं देता। उसका जीवन नियमित राजनीतिज्ञ की भांति नहीं होता। गुरदासपुर की जनता सनी देओल से नाराज़ है। वे अपने क्षेत्र में नहीं जाते, वहां की समस्याओं को नहीं सुनते। खैर सनी को इससे फर्क नहीं पड़ता क्योंकि वे नियमित राजनीतिज्ञ नहीं हैं।
आगामी लोकसभा चुनाव में सनी देओल नज़रअंदाज़ नहीं किये जा सकेंगे। ‘गदर 2’ के करिश्मे ने उनके कॅरियर को भरपूर ऑक्सीजन प्रदान की है। ऐसे में भाजपा उन्हें राजनीति में तो उपेक्षित नहीं कर सकेगी, भले ही फिल्म के प्रचार में कर लिया हो। मोटे तौर पर ये माना जा सकता है कि भाजपा देशभर के मुस्लिम वर्ग में अपनी पैठ बढ़ाना चाहती है और इस कारण ‘गदर 2’ और ‘अजमेर 92’ जैसी फिल्मों से किनारा करना चाहती है। हालांकि ये भी एक कयास ही है। कयास इसलिए लगाए जा रहे हैं क्योंकि भाजपा नेताओं ने स्पष्ट रुप से सनी पाजी की फिल्म से किनारा किया है।