अर्चना कुमारी। उज्जैन में मासूम के साथ हैवानियत करने वाला आरोपी भरत सोनी को फांसी दिए जाने की लोग मांग कर रहे है । यह 24 वर्षीय ऑटो-चालक हैवान समाज एवं देश के लिए कलंक हैं और देश भर के लोग इसे कठोर सजा देने को कह रहे है। आरोपी के पिता राजू सोनी का कहना है कि पुलिस मेरे बेटे को गिरफ्तार करके थाने क्यों ले गई ।
अगर उस पीड़िता बच्ची की जगह मेरी बेटी होती तो मैं आरोपी को गोली मार देता ।ऐसा गुनाह करने वाला जीने का अधिकारी नहीं होता । उनका कहना था बच्ची के साथ हुए जुल्म के बारे में मुझे खबर हुई और मैंने अपने बेटे के साथ इस विषय पर बातचीत भी की पर वह कुछ नहीं बोला जबकि वो रोज की तरह खाना, पीना नहाना करता रहा ।
उसने परिवार में किसी को शक भी नहीं होने दिया ।बुजुर्ग राजू सोनी ने कहा कि मेरा बेटा हो या किसी और का, ऐसा गुनाह करने वालों को तो फांसी देनी चाहिए और गोली मार देनी चाहिए ।शर्म के मारे हम घर से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं।
इस बीच उस आचार्य राहुल शर्मा की खूब वाहवाही हो रही,जिन्होंने उज्जैन में दरिंदगी का शिकार हुई मासूम को अपने आश्रम में शरण दी थी। आचार्य राहुल शर्मा उज्जैन के गुरूकुल दण्डी सेवा आश्रम में पुजारी हैं। उन्होंने बताया, मुझे उस दिन गुरूकुल से कहीं बाहर जाना था। मैंने देखा कि एक बदहवास बालिका बड़नगर की ओर पैदल जा रही थी।
बालिका अर्धनग्न हालत में थी, उसके तन पर छोटा वस्त्र था, जिससे वह खुद को ढंकने का निरंतर प्रयास कर रही थी। इस हालत में देखते ही मैंने रोका और अपना ऊपरी वस्त्र उसे पहनने को दे दिया। जिससे उसने अपने बदन को ढंका और फिर उसके बाद मैं उसे आश्रम ले गया और चाय-नाश्ता कराया। मैंने उससे उसका नाम और पता पूछा।
उससे उसके माता-पिता का नाम या फोन नंबर के बारे में पूछा। कई कोशिशों के बावजूद वह कुछ अपने बारे में नहीं बता पाई। मैंने उसे बार-बार भरोसा दिलाया कि अब तुम यहां सुरक्षित हो, डरने की जरूरत नहीं है। कुछ समय बात उसने कुछ बोलने की कोशिश की लेकिन मैं उसकी भाषा नहीं समझ पाया, जिसके बाद मैंने उसके समक्ष एक कलम और कॉपी रखा और वो जो बोलना चाहती है उसे लिखऩे को कहा। लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाई।
मैंने डॉयल 100 को कॉल किया। दो-तीन बार मेरा कॉल काट दिया गया। उसके बाद मैंने महाकाल मंदिर के कुछ प्रशासनिक अधिकारियों को कॉल किया और मामले की जानकारी दी। जिसके बाद उन्होंने महाकाल थाने का नंबर दिए। मैंने वहां पर शिकायत दर्ज कराई। उसके बाद एफआईआर दर्ज की गई।
फिर मैंने बच्ची को पुलिस के हवाले कर दिया।आचार्य राहुल शर्मा की सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ हो रही है। एक रेप पीड़िता की मदद उन्होंने ऐसे समय की जब समाज के अधिकांश लोगों ने मुंह फेर लिया था।