आरवीएस मणि गृह मंत्रालय में अवर सचिव रहे हैं। मणि वही पूर्व अफसर हैं, जिन्होंने 2016 में दावा किया था कि यूपीए सरकार के दौरान उन पर दबाव डालकर इशरत जहां मामले में दूसरा हलफनामा दाखिल कराया गया था। उनका आरोप था कि दूसरे हलफनामे में इशरत और साथियों के लश्कर से संबंधों की बात दबाव डालकर हटा दी गई थी।
मक्का मस्जिद फैसला आने के बाद मंत्रालय के पूर्व अवर सचिव आरवीएस मणि ने कहा- ‘मुझे इसी फैसले की उम्मीद थी। सारे सबूत मनगढ़ंत थे। ब्लास्ट केस में हिंदू आतंकवाद जैसा कोई एंगल नहीं था।’ मणि के अनुसार, ‘इस मामले में जिन लोगों की छवि धूमिल हुई, उसकी भरपाई कैसे करेंगे? क्या कांग्रेस या कोई और जिन्होंने यह झूठ फैलाया, इन लोगों को मुआवजा देगी।’
मक्का मस्जिद ब्लास्ट- कब,क्या हुआ?
– 18 मई, 2017: मक्का मस्जिद में शुक्रवार को ब्लास्ट: 9 की मौत 58 जख्मी।
– जून 2010:आरएसएस एक्टिविस्ट सुनील जोशी को सीबीआई ने अहम आरोपी बनाया था। जोशी की 29 दिसंबर, 2007 को तीन अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
– 19 नवंबर, 2010:अभिनय भारत संगठन के सदस्य स्वामी असीमानंद को सीबीआई ने अरेस्ट किया। इसी दौरान जांच एजेंसी ने देवेंद्र गुप्ता और लोकेश शर्मा को भी गिरफ्तार किया गया।
– 18 दिसंबर, 2010:असीमानंद ने कोर्ट के सामने ब्लास्ट में शामिल होने की बात कबूली।
– अप्रैल 2011: इस केस की जांच सीबीआई से एएनआई को सौंप दी।
– 23 मार्च, 2017:हैदराबाद कोर्ट ने असीमानंद को इस शर्त पर जमानत दी थी कि वह हैदराबाद और सिकंदराबाद नहीं छोड़ सकते। वह सात साल तक जेल में रहे।
– 31 मार्च, 2017: असीमानंद जेल से रिहा।
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URL: All accused, including Aseemanand, acquitted in Mecca Masjid blasts
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