ईरान और इजरायल युद्ध के आरम्भ होने से शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर व श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी बहुत ही हताश और बेचैन हैं।उनका मानना है कि इजरायल ने ईरान का कुछ भी नहीं बिगाड़ा है और ना ही ईरान की इजरायल से कोई दुश्मनी है।ईरान एक शिया देश है और शियाओं को हर जगह अन्य मुसलमानों द्वारा बुरी तरह प्रताड़ित किया जाता है।
यहाँ तक कि पाकिस्तान, इराक,अफगानिस्तान जैसे देशों में तो बाकायदा शियाओ का सामुहिक नरसंहार किया जाता है।इजरायल ने शिया मुसलमानों पर कभी कोई अत्याचार नहीं किया है।ऐसे में एक शिया देश का बिना किसी कारण इजरायल को समाप्त करने का संकल्प और संघर्ष केवल इस्लाम का जिहाद है और कुछ भी नहीं।उनका यह भी मानना है कि यही इस्लाम का असली चेहरा है।यह दर्शाता है कि इस्लामिक शक्तियों को किसी से युद्ध करने के लिये किसी ठोस कारण की कोई आवश्यकता नहीं है।सम्पूर्ण मानवता और विशेष रूप से भारत का इतिहास इसका साक्षी है।
आज एक वीडियो जारी करके उन्होंने इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू से हिन्दुओ को अपनी लड़ाई में सम्मिलित करने और भारत मे इजराइली सेना के लिये भर्ती आरम्भ करने का भी आग्रह किया।
उन्होंने वीडियो में नेतन्याहू और इजरायल के अन्य नेताओं से अनुरोध किया कि वो ये समझ ले कि इस्लामिक जिहाद से उनकी लड़ाई में उन्हें हिन्दू समुदाय से मजबूत साथी कोई नहीं मिल सकता।हिन्दू की सेना सदैव ही वफादारी का ज्वलन्त उदाहरण रही है और हिन्दू सैनिक अपने शत्रु से सदैव शेर की तरह लड़ता है।भारत का हिन्दू आज अपने राजनैतिक और धार्मिक नेतृत्व की दिशाहीनता के कारण इसलामिक जिहाद के समक्ष कीड़े मकोड़ो की तरह मरने को अभिशप्त है।
अगर इजरायल का नेतृत्व हिन्दुओ युवाओ पर विश्वास करके उन्हें अपने साथ मिलकर इस्लामिक जिहाद को मिटाने का अवसर देता है तो इजरायल कभी भी किसी खतरे में अकेला नहीं पड़ेगा और दिलेर हिन्दू युवा सदैव ही मानवता की रक्षा के महान लक्ष्य को समर्पित होकर इजरायल और यहूदियों की रक्षा करेंगे।यह इजरायल के दीर्घ कालीन हित मे बहुत अच्छा कदम होगा।
इस रविवार से महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज सम्पूर्ण विश्व के गैर इस्लामिक देशों के राष्ट्राध्यक्षो को अपने स्वयं के रक्त से पत्र लिखकर उनसे इस्लामिक जिहाद को समझने और इजरायल का साथ देने का अनुरोध करेंगे। महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी यहूदियों के सर्वोच्च धर्मगुरुओं को भी अपने रक्त से पत्र लिख कर उनसे इस्लामिक जिहाद के विरुद्ध वैचारिक हिन्दू यहूदी गठबंधन तैयार करने का भी अनुरोध करेंगे।