अर्चना कुमारी। हरियाणा हिंसा में आखिरकार कितने लोग मारे गए। इसका खुलासा पुलिस अब तक नहीं कर पाई है। पुलिस की माने तो इस घटना में कुल 6 लोग मारे गए जिसमें से चार हिंदू ,एक सिख तथा एक मुस्लिम शामिल है लेकिन स्थानीय लोगों तथा प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि इस घटना में 50 से अधिक लोगो की मौत हुई है।
इनमें महिलाओं और बच्चों की संख्या अधिक है। लेकिन हरियाणा पुलिस ने इस तरह के आरोपों से इनकार किया । एक चश्मदीद का दावा है कि उस दिन अंधेरा हो जाता और कत्लेआम होता।
बहन-बेटियों की इज्जत लुटती।चश्मदीद ने कहा मैंने वहां कत्ल होते देखा। उसके अनुसार जो बताया गया है, हत्या का आंकड़ा कहीं ज्यादा है और कम से कम 50 लोग मारे गए हैं। इस बीच रविवार को एक महापंचायत का आयोजन हुआ, जिसमें निर्दोष हिंदू युवाओं को तुरंत रिहा किए जाने की अपील की गई, नहीं तो चेतावनी दी गई है कि एक लाख लोग गिरफ्तारी देने से पीछे नहीं हटेंगे।
महापंचायत में लोगों ने कहा कि हमें योगी जैसा मुख्यमंत्री चाहिए , नहीं तो नूंह को यूपी में शामिल कर दें। वहां मौजूद लोगों ने बताया कि हरियाणा के मुख्यमंत्री को घटना की जानकारी शाम तक नहीं थी। दरअसल, यह महापंचायत जलाभिषेक यात्रा पर मुस्लिम समुदाय की ओर से किए गए हमले और गुरुग्राम के सेक्टर 57 में निर्माणाधीन मस्जिद जलाने और नायब इमाम की हत्या के मामले में चार युवकों की गिरफ्तारी के विरोध में तिगरा गांव में महापंचायत की गई।
इस महापंचायत में हिंदुओं का आक्रोश दिखा। वक्ताओं ने गुरुग्राम में मुस्लिमों को किराए पर घर-दुकान न देने और उनका बायकाट करने का आह्वान किया। यह भी फैसला लिया गया कि अगर एक सप्ताह में निर्दोष युवकों को नहीं छोड़ा गया तो अगले सप्ताह एक बार फिर बड़ी पंचायत कर कड़े फैसले लिए जाएंगे। हरियाणा में चक्का जाम करने की भी चेतावनी दी।
महापंचायत में आसपास के कई गांवों के 36 बिरादरी के लोग पहुंचे।महापंचायत में एक-एक कर वक्ताओं ने गुरुग्राम पुलिस, प्रशासन और सरकार को कटघरे में खड़ा किया। कहा गया कि बिना किसी जांच के पुलिस ने निर्दोषों को इस केस में फंसाने की कोशिश की है।वक्ताओं ने कहा कि हिंदुओं को कमजोर न समझा जाए, हिंदू डरा हुआ नहीं है। बल्कि हिंदू वह है, जो दूसरों की रक्षा करता है। गुरुग्राम में मुस्लिम समुदाय के बहुत से लोग व्यवसाय करते हैं।
गुरुग्राम में किसी भी मुस्लिम व्यक्ति को थप्पड़ तक नहीं मारा गया। कहा गया कि हिंदू जिसे भी शरण में ले लेता तो उसकी सुरक्षा भी स्वयं करता है। महापंचायत में कहा गया कि जब कहीं कोई क्रिया होती है तो उसकी प्रतिक्रिया होती है। वक्ताओं ने कहा कि सेक्टर 57 स्थित निर्माणाधीन मस्जिद पर काफी पहले से ही विवाद चला आ रहा है।
तिगरा के आसपास न कोई मुस्लिम रिहाइश है और न कोई यहां रहने वाला मुस्लिम है। हिंदुओं की आबादी के बीच में मस्जिद बनाई जा रही है। इस मस्जिद को हटाने के लिए प्रशासन को कदम उठाना चाहिए। आरोप लगाया गया कि नूंह हिसा में हरियाणा पुलिस ने अज्ञात के विरुद्ध केस दर्ज किए, जबकि गुरुग्राम में छिटपुट घटनाओं में गुरुग्राम पुलिस ने नामजद एफआइआर की। गुरुग्राम पुलिस के पास ऐसा कौन सा जादू था, जिससे उसे लोगों के नाम पता चल गए।
महापंचायत में 51 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी अगले सात दिनों तक गुरुग्राम प्रशासन और तमाम नेताओं से बातचीत करेगी। निर्दोषों को जेल से रिहा कराने की मांग की जाएगी। अगर एक सप्ताह में निर्दोषों को नहीं छोड़ा गया तो एक बार फिर बड़ी महापंचायत बुलाई जाएगी और कड़े फैसले लिए जाएंगे। मंगलवार को कमेटी के सदस्य डीसी निशांत कुमार यादव से मिलेंगे।